लखनऊ. लद्दाख स्थित गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद चीन निर्मित वस्तुओं के बहिष्कार के मुखर होते स्वरों के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में चीनी में बने बिजली के मीटर लगाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। ऊर्जा विभाग के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को 'भाषा' को बताया कि प्रदेश में अब चीन बने बिजली के स्मार्ट मीटर लगाने पर रोक लगा दी गई है।
उन्होंने बताया कि बिजली विभाग से इसका विवरण मांगा गया है कि पिछले एक साल में चीन में बने मीटर और अन्य उपकरणों का ऑर्डर कहां-कहां दिया गया है और किन-किन चीनी कंपनियों को काम की निविदा दी गई है।
इस बीच ऑल इंडिया पावर इंजीनियर फेडरेशन के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा है कि बिजली संयंत्रों में बॉयलर से लेकर अनेक ट्यूब तथा उपकरण चीन से मंगाए जाते हैं, चूंकि वे सस्ते होते हैं, इसलिए उन्हें खरीदा जाता है लेकिन यह भी एक सच है कि चीन में बनी वस्तुओं की गुणवत्ता अच्छी नहीं होती।
दुबे ने कहा कि उनकी मांग है कि राज्य सरकार बिजली संयंत्रों के तमाम उपकरणों की खरीद सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) से करें जिससे न सिर्फ गुणवत्तापूर्ण उपकरण हासिल होंगे बल्कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को भी पूरा करने की दिशा में मददगार साबित होगा।
उन्होंने कहा कि सरकारी खरीद में निविदा प्रक्रिया इसलिए अपनाई जाती है ताकि कहीं कोई घोटाला ना होने पाए लेकिन अगर बिजली संयंत्रों के लिए भेल जैसी महानवरत्न कंपनी से उपकरण खरीदे जाएंगे तो उसमें घोटाले की कोई संभावना नहीं रहेगी। दूबे ने कहा कि इसके अलावा निविदा प्रक्रिया में लगने वाले सात-आठ महीने का वक्त भी बचेगा।
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