नई दिल्ली: बच्चे बस्ते के बोझ से दबे हैं तो उनके माता-पिता का हर साल बेतहाशा बढ़ती स्कूल फीसों के बोझ से बुरा हाल है। स्कूलों में इतनी तरह की फीस होती है कि आप गिनते-गिनते थक जाते होंगे लेकिन उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के एक फैसले से स्कूलों की मनमानी फीस पर नकेल लगने वाली है। सरकार ने अब एक नई गाइडलाइन्स बनाई है जिससे ना सिर्फ बेतहाशा फीस बढ़ोतरी से छुटकारा मिलेगा बल्कि तरह-तरह के फीसों से भी मुक्ति मिल जाएगी।
योगी सरकार की नई गाइडलाइन्स के मुताबिक बच्चों की फीस सालाना 7 फीसदी से ज्यादा नहीं बढ़ेगी। ये फैसला 20 हज़ार रूपये से अधिक सालाना फीस वाले स्कूलों पर लागू होगा। किसी ख़ास दुकान से ड्रेस या किताबें खरीदना जरूरी नहीं होगा और 5 साल से पहले स्कूल यूनिफॉर्म बदलने की इजाजत नहीं होगी। स्कूलों में अब सिर्फ 4 तरह के फीस अनिवार्य होंगे बाकी फीस देना है या नहीं देना है, ये तय करने का अधिकार अभिभावक को होगा।
स्कूल अब सिर्फ रजिस्ट्रेशन शुल्क, प्रवेश शुल्क, परीक्षा शुल्क और सालाना शुल्क ले सकेंगे। एजुकेशन टूर जैसे अन्य शुल्क बिना अभिभावक की मंज़ूरी के नहीं लिए जाएंगे। स्कूल जो भी पैसे लेंगे उसकी रसीद देनी होगी। अगर किसी स्कूल ने सरकार के बनाए इन नए नियमों का पालन नहीं किया तो ऐसी कड़ी कार्रवाई की जाएगी जो दूसरे स्कूलों के लिए एक सबक होगी। शिकायत सही पाए जाने पर पहली बार 1 लाख का जुर्माना लगेगा।
ग़लती दोबारा पकड़ी गई तो जुर्माना 5 लाख हो जायेगा और तीसरी ग़लती पर स्कूल की मान्यता ही रद्द कर दी जाएगी। आज से ठीक एक साल पहले 4 अप्रैल 2017 को योगी सरकार की पहली कैबिनेट बैठक हुई थी। उस पहली मीटिंग में ही स्कूलों की मनमानी फीस पर नकेल लगाने का वादा किया गया था। योगी सरकार ने एक साल पहले किया अपना वो वादा अब पूरा कर दिया है। गाइडलाइन्स बन गई हैं। फीस पर नकेल का फैसला जल्द लागू हो जाएगा।
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