योगी सरकार ने दिया उन्नाव गैंगरेप मामले की CBI जांच का आदेश, 3 अधिकारी सस्पेंड
सरकार ने रेप पीड़ित के परिवार को पूरी सुरक्षा देने का भरोसा दिया है जबकि एसआईटी की रिपोर्ट आने के बाद कुछ और अफसरों पर गाज गिरी है। जिस वक्त कुलदीप सिंह अपने समर्थकों के साथ एसएसपी दफ्तर पहुंचे थे ठीक उसी वक्त मामले की जांच कर रही एसआईटी की रिपोर्ट आला अधिकारियों के पास से होते हुए सीएम योगी की मेज पर पहुंची थी।
नई दिल्ली: उन्नाव गैंगरेप कांड में घिरे बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने भले ही सरेंडर न किया हो लेकिन इस मामले में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पूरे एक्शन में है। एसआईटी रिपोर्ट आने के बाद योगी सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने का फैसला किया है। मामले की जांच कर रही एसआईटी की रिपोर्ट कल देर रात सीएम तक पहुंची जिसके बाद सीएम योगी ने मामले की सीबीआई जांच कराने के अलावा कई कड़े फैसले लिए। योगी ने इस मामले में सख्ती बरतते हुए आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ नए सिरे से एफआईआर दर्ज करने को भी कहा है। साथ ही पीड़ित परिवार को सुरक्षा देने का आदेश भी दिया है।
वहीं, आरोपी विधायक और उनके गुर्गों के खिलाफ गैंगरेप और पीड़ित के पिता से मारपीट का मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा। सरकार ने रेप पीड़ित के परिवार को पूरी सुरक्षा देने का भरोसा दिया है जबकि एसआईटी की रिपोर्ट आने के बाद कुछ और अफसरों पर गाज गिरी है। जिस वक्त कुलदीप सिंह अपने समर्थकों के साथ एसएसपी दफ्तर पहुंचे थे ठीक उसी वक्त मामले की जांच कर रही एसआईटी की रिपोर्ट आला अधिकारियों के पास से होते हुए सीएम योगी की मेज पर पहुंची थी।
इस रिपोर्ट को पढ़ने के बाद योगी सरकार ने कुछ कड़े फैसले लिए हैं जिससे बीजेपी के इस बाहुबली विधायक की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। एसआईटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर योगी सरकार ने जो सबसे पहला फैसला लिया है वो है कुलदीप सिंह पर एफआईआर दर्ज करने का। योगी सरकार ने रेप के आरोपों पर विधायक और उनके साथियों पर अलग-अलग धाराओं में एफआईआर दर्ज करने को कहा है साथ ही मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का भी फैसला लिया गया है।
3 अप्रैल को गैंगरेप पीड़िता के पिता के साथ हुई मारपीट की वारदात की दोबारा से जांच होगी। वता दें कि मारपीट के बाद रेप पीड़िता के पिता की मौत हो गई थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में अंदरूनी ब्लीडिंग को मौत की वजह बताई गई थी। इस मामले में पुलिस ने विधायक के भाई अतुल सिंह सेंगर और उसके गुर्गों को गिरफ्तार किया है। वहीं योगी सरकार ने इस मामले में लापरवाही बरतने वाले कई डॉक्टरों पर भी कार्रवाई की है। सीएमएस डॉक्टर डी के द्विवेदी और ईएमओ डॉक्टर प्रशांत उपाध्याय को सस्पेंड कर दिया गया है जबकि मारपीट के बाद सही इलाज नहीं करने के आरोप में तीन अन्य डॉक्टरों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं।
इस मामले में लापरवाही बरतने वाले कई पुलिसवाले पहले ही नप चुके हैं। अब एसआईटी रिपोर्ट आने के बाद योगी सरकार ने एक और पुलिसवालों पर कार्रवाई की है। सफीपुर के सीओ कुंवर बहादुर सिंह को पीड़ित परिवार से लगातार शिकायत मिलने के बाद भी कार्रवाई नहीं करने पर सस्पेंड कर दिया गया है। इन सबके अलावा योगी सरकार ने गैंगरेप पीड़ित और उसके परिवार को पर्याप्त सुरक्षा देने का भी ऐलान किया है। एसआईटी टीम को पीड़ित परिवार ने अपनी जान का खतरा बताया था और कहा था कि विधायक के गुर्गे उन्हें मार सकते हैं।
इससे पहले, बुधवार को एसआईटी की टीम उन्नाव पहुंची जहां पीड़ित लड़की और उसके परिवार के लोगों से पूछताछ की जिसके बाद बनी रिपोर्ट को लखनऊ जोन के एडीजी राजीव कृष्णा ने सरकार सौंप दी। तीन अप्रैल को मारपीट के बाद गैंगरेप पीड़ित के पिता को उन्नाव जेल में रखा गया था। आरोप है कि जेल में लड़की के पिता के साथ मारपीट की गई जिसके बाद डीआईजी जेल लव कुमार ने उन्नाव जेल प्रशासन की भूमिका की जांच की और रिपोर्ट सौंप दी। इसके अलावा उन्नाव जिला अस्पताल की तरफ से बरती गई लापरवाही को लेकर उन्नाव के डीएम से रिपोर्ट तलब किया गया है।