लखनऊ: मुख्यमंत्री अदित्यनाथ योगी ने शास्त्री भवन में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने वाली आरओ मशीन को सही करवाकर इसका संचालन निरंतर किए जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति के पास रुपये होंगे, वही मिनरल वाटर की बोतल खरीद सकता है। मगर यहां कार्य करने वाले तथा आने वाले ज्यादातर लोग इन्हीं आरओ मशीन का पानी इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने कहा कि इनका मानकों के अनुरूप संचालन सुनिश्चित कराना जरूरी है। भवन में जगह-जगह लटकते बिजली के ढीले तारों पर भी मुख्यमंत्री ने आपत्ति जताते हुए इस व्यवस्था में तत्काल सुधार किए जाने के निर्देश दिए।
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के साथ निरीक्षण करते हुए मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने पत्रावलियों के रख-रखाव पर भी ध्यान दिया। अनुभागों में बाहर रखी फाइलों पर जमी धूल पर उन्होंने गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, "गलियारों में किसी भी दशा में अलमारियां एवं फर्नीचर नहीं रखा जाना चाहिए। यदि वह उपयोगी नहीं हैं तो इनकी नियमानुसार नीलामी की व्यवस्था कराते हुए प्राप्त धनराशि को सरकारी कोष में जमा कराया जाए।"
योगी ने कहा, "प्रदेश की जनता ने परिवर्तन के लिए अपना जनादेश दिया है। इसलिए व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव के लिए जरूरी है कि सरकारी कार्यालयों में एक नई कार्य संस्कृति का विकास हो ताकि राज्य सरकार जनता की आकांक्षाओं पर खरी साबित हो सके। सरकारी कामकाज का पुराना और लचर रवैया किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा तथा लापरवाही बरतने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।" इस दौरान मुख्यमंत्री के साथ मुख्य सचिव राहुल भटनागर सहित सभी वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
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