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योगी आदित्यनाथ के पैर छूना मना है! गोरखनाथ मंदिर में नया प्रोटोकॉल

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा के लिए नया प्रोटोकॉल बना है। अब योगी जब भी गोरखपुर में होंगे नया प्रोटोकॉल फॉलो होगा। वह जब गोरखनाथ मंदिर के अपने दफ्तर में बैठेंगे, फरियादी उनके बेहद करीब नहीं जाएंगे और पैर भी नहीं छू पाएंगे। इस नए प्रो

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गोरखपुर: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा के लिए नया प्रोटोकॉल बना है। अब योगी जब भी गोरखपुर में होंगे नया प्रोटोकॉल फॉलो होगा। वह जब गोरखनाथ मंदिर के अपने दफ्तर में बैठेंगे, फरियादी उनके बेहद करीब नहीं जाएंगे और पैर भी नहीं छू पाएंगे। इस नए प्रोटोकॉल को लागू करने के लिए सुरक्षा एजेंसियों ने एक नया कवच बनाया है।

ये सारी कवायद आखिर हुई किसलिए?

जब भी योगी अपने इस दफ्तर में आते थे तो लोगों की भारी भीड़ उमड़ जाती थी। पैर छूकर योगी का आशीर्वाद लेने की होड़ मच जाती थी। ये पब्लिक योगी तक न पहुंच पाएं इसके लिए सुरक्षा एजेंसियों ने ये उपाय ढूंढ निकाला। पूरी मेज ही ढंक दी, मेज का पूरा रंग-रूप बदल चुका है। योगी की टेबल को सफेद फाइबर की शीट से ढंक दिया गया है। पहले जो मेज खुली थी अब तीन तरफ से बंद है और फाइबर शीट की दीवार बन चुकी है। यानी अब कोई चाहकर भी मुख्यमंत्री के करीब नहीं जा सकता।

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यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को जेड प्लस सिक्योरिटी मिली हुई है। खतरे को देखते हुए ब्लैक कैट कमांडो घेरा बनाए रहते हैं ताकि सीएम के करीब परिंदा भी पर न मार पाए लेकिन मंदिर में आते ही ये सारे इंतजाम ध्वस्त हो जाते थे। योगी आदित्यनाथ गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर भी हैं और लाखों लोगों की गोरखनाथ मंदिर से आस्था जुड़ी है। ऐसे में जो लोग दर्शन के लिए भी आते थे वो योगी का पैर छूकर आशीर्वाद लेने के लिए पहुंच जाते थे।

मंदिर में काम करने वाले कर्मचारियों का दावा है कि-

  • NSG की सलाह पर मेज को पूरी तरह कवर कर दिया गया
  • अब किसी को योगी के टेबल के अगल-बगल जाने की अनुमति नहीं होगी
  • मंदिर के दफ्तर में जब भी योगी बैठेंगे कोई उनका पैर नहीं छू पाएगा

मंदिर के कर्मचारी बताते हैं कि खुद योगी कभी नहीं चाहते कि पब्लिक उनसे दूर रहे लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद सबकुछ बदल चुका है। सुरक्षाकर्मियों को अब किसी महंत का नहीं मुख्यमंत्री का प्रोटोकॉल पूरा करना पड़ता है।

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