यूपी में योगी सरकार ने बंद किए 150 अवैध बूचड़खाने, 319 गौ तस्कर गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश में गाय की तस्करी हमेशा से एक बड़ा मुद्दा रहा है, जिसके कारण राज्य में लगातार हिंसा की घटनाएं होती रही हैं।
लखनऊ: सत्ता में काबिज होते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अवैध बूचड़खानों पर हंटर चलाना शुरू कर दिया था। इसी का नतीजा है कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने गायों की रक्षा और तस्करी पर रोक लगाने के अपने चल रहे मिशन के तहत 150 अवैध बूचड़खानों को बंद कर दिया है और 356 पशु माफियाओं की पहचान की है। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा, राज्य सरकार ने पिछले 4.5 वर्षों में यूपी गैंगस्टर्स और असामाजिक गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत बुक किए गए 1823 आरोपियों और 68 तस्करों की 18 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की है।
राज्य में चल रहे हैं 35 बूचड़खाने
शहरी विकास विभाग के अनुसार निर्धारित मानकों का पालन नहीं करने पर कई जिलों में प्रतिदिन 300, 400 और 500 पशुओं को वध करने की क्षमता वाले 150 बूचड़खानों को बंद कर दिया गया है। वर्तमान में राज्य में निर्धारित मानकों का पालन करने वाले 35 बूचड़खाने ही चल रहे हैं। उत्तर प्रदेश में गाय की तस्करी हमेशा से एक बड़ा मुद्दा रहा है, जिसके कारण राज्य में लगातार हिंसा की घटनाएं होती रही हैं। बूचड़खानों के संचालन और रखरखाव के नियमों को पहले ठीक से लागू नहीं किया गया था और नियमों का पालन सुनिश्चित किए बिना अंधाधुंध बूचड़खाने खोलने के इच्छुक लोगों को अनुमति दी गई थी।
319 गौ तस्करों को किया गया गिरफ्तार
योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के आदेश और केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशोंको लागू करने के सख्त निर्देश जारी किए गए थे। पुलिस विभाग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक पिछले 4.5 साल में 319 गौ तस्करों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 2 की संपत्ति कुर्क की गई है और 14 पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा 280 आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट, 114 पर गुंडा एक्ट के तहत जबकि 156 हिस्ट्रीशीटर के मामले भी दर्ज किए गए हैं।
पशुपालकों को दिया जाता है 900 रुपये का भत्ता
योगी आदित्यनाथ सरकार ने निराश्रित गायों के लिए एक नई गाय गोद लेने की पहल भी शुरू की, ताकि किसानों को आगे आने और आवारा मवेशियों को अपनाने और उन्हें पालने के लिए प्रेरित किया जा सके। इस योजना के तहत इच्छुक किसानों और पशुपालकों को आवारा पशुओं को पालने के लिए 900 रुपये प्रति माह का भत्ता दिया जाता है। ग्रामीण विकास एवं पशुधन विभाग के अनुसार इस वर्ष जुलाई तक राज्य में 43,168 से अधिक लोगों को 83,203 से अधिक गायें दी जा चुकी हैं। राज्य के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में लगभग 5,86,793 गायों के आवास के लिए कुल 5,278 स्थाई गौशालाएं बनाई गई हैं।