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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश समाजवादी शब्द वाली योजनाओं पर योगी सरकार की नजर टेढ़ी

समाजवादी शब्द वाली योजनाओं पर योगी सरकार की नजर टेढ़ी

Yogi Adityanath- India TV Hindi Yogi Adityanath

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में संचालित की जा रही समाजवादी शब्द वाली सभी सरकारी योजनाओं को समीक्षा के लिये मंत्रिमंडल के समक्ष पेश करने के आदेश दिये हैं। मुख्यमंत्री योगी ने कल देर रात हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग के कार्यों पर आधारित प्रस्तुतिकरण के दौरान कहा कि प्रदेश में लागू ऐसी सभी योजनाओं जिनमें समाजवादी शब्द का प्रयोग किया गया है, उन्हें मंत्रिमंडल के समक्ष प्रस्तुत किया जाए, ताकि उनकी समीक्षा की जा सके और समाजवादी शब्द की जगह मुख्यमंत्री शब्द का प्रयोग किया जाए।

मालूम हो कि प्रदेश में करीब एक दर्जन ऐसी योजनाएं हैं, जिनके नाम में समाजवादी शब्द का इस्तेमाल किया गया है। पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी सपा सरकार के कार्यकाल में शुरू की गयी योजनाओं में समाजवादी पेंशन योजना, समाजवादी एम्बुलेंस सेवा, समाजवादी आवास योजना प्रमुख रूप से शामिल हैं। योगी ने हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग के कार्यों का जायजा लेते हुए विभाग की विभिन्न योजनाओं को केन्द्र के सहयोग से चलायी जा रही सम्बन्धित योजनाओं से जोड़ने के निर्देश दिये हैं।

उन्होंने विभाग द्वारा लागू की जा रही विभिन्न योजनाओं को केन्द्र सरकार के समर्थन से चलायी जा रही इस सेक्टर की योजनाओं से जोड़ने को कहा और कहा कि केन्द्रीय योजनाओं को केन्द्र की मंशा के अनुरूप ही लागू किया जाए। मुख्यमंत्री ने टेक्स्टाइल पार्क योजना की तारीफ करते हुए कहा कि इसका भरपूर लाभ बुनकरों को पहुंचाया जा सकता है, लेकिन पहले उन्हें नयी तकनीक की जानकारी देकर प्रशिक्षित करना होगा। योगी ने खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग का प्रस्तुतिकरण देखते हुए अधिकारियों को विभाग को आत्मनिर्भर बनाए जाने की दिशा में कार्य करने की सलाह दी।

उन्होंने कहा कि खादी को प्रतिस्पर्धात्मक बनाने के लिए नयी तकनीकी लागू करने की आवश्यकता है। खादी के पीछे महात्मा गांधी की मंशा स्वावलम्बन की थी। इसके लिए कार्य योजना बनाने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि खादी के तहत वस्त्र निर्माण के लिए नयी तकनीक के चरखों का इस्तेमाल आवश्यक है। इसके लिए प्रदेश में मॉडल चरखे और सोलर चरखे वितरित किये जाएं। उन्होंने अधिकारियों को बन्द पड़े कम्बल कारखानों को आधुनिक तकनीक से चलाने का प्रस्ताव देने का निर्देश दिया। साथ ही इन कारखानों को चलाने के लिए पुनरुार पैकेज का प्रस्ताव देने को भी कहा।

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