नई दिल्ली: गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी की हार पर बीजेपी के नेता तो छोडिए विरोधी भी सकते में हैं। योगी आदित्यनाथ ने कल ही कहा था कि गोरखपुर की हार ओवर कॉन्फीडेंस का नतीजा है। आज योगी ने इस बात को फिर दोहराया। लेकिन आज उन्होंने ये भी बताया कि आखिर उन्होंने ऐसा क्यों कहा। योगी ने कहा कि ये हार अप्रत्याशित है और हैरान करने वाली है। गोरखपुर में तो बीजेपी की हार के बारे में कार्यकर्ता सोच भी नहीं सकते। वो खुद वहां से पांच बार सांसद रहे। उनके गुरू चार बार चुनाव जीते इसलिए पार्टी के नेता और खुद उम्मीदवार भी ओवर कॉन्फिडेंस का शिकार हो गए। योगी ने कहा कि उन्होंने प्रचार के दौरान लोगों को समझाया था लेकिन कार्यकर्ताओं ने उपचुनाव को हल्के में लिया।
हालांकि योगी ने कहा कि गोरखपुर में बीजेपी के उम्मीदवार चुनाव प्रचार के दौरान बीमार हो गये। दस दिन तक हॉस्पिटल में रहे इसलिए प्रचार में भी कमी रह गई। लोगों को लगा कि योगी जी सीट है और आसानी से जीत ही जाएंगे इसी कारण वोटिंग प्रतिशत भी कम हो गया। अगर मतदान 3 से 4 फीसदी भी ज्यादा हुआ होता तो नतीजा कुछ और होता।
सीएम योगी ने दार्शनिक अंदाज में कहा कि हार और जीत तो जीवन का हिस्सा है। जीत से भी सबक मिलता है और हार से कमियां उजागर होती हैं। बड़े इम्तेहान से पहले सबक मिले तो और अच्छा। इसलिए गोरखपुर की हार बीजेपी को नए सबक देगी। इससे 2019 के लोकसभा चुनाव में फायदा होगा। हमलोग एकजुट होकर अगले चुनाव में बड़ी सफलता हासिल करेंगे।
इसके बाद योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन पर भी कमेंट किया। उन्होंने कहा कि ये गठबंधन अवसरवादी है और एक दूसरे के फायदे के लिए हुआ। उन्होंने कहा कि यह सौदेबाजी का गठबंधन है लेकिन बीजेपी की गलती ये रही कि इस गठबंधन को गंभीरता से नहीं लिया और नतीजा उल्टा हो गया।
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