कैराना. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज उत्तर प्रदेश के कैराना में थे। यहां उन्होंने कैराना से पलायन करने को मजबूर हुए कुछ परिवारों से मुलाकात की। इसके बाद एक जनसभा को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश की पिछली सरकारों ने राजनीति का अपराधीकरण कर दिया। अपराध के प्रति हमारी जीरो टॉलरेंस की नीति यहां शांति वापस लाई है। कई परिवार अब कैराना लौट आए हैं।
उन्होंने कहा कि साल 2017-18 में यहां के नागरिको बहनो बेटियों व्यापारियों ने एक मांग की थी कि यहां पर पुलिस चौकी का सुदृढ़िकरण होना चाहिए, वह कार्य पहले ही हो चुका है। 250 करोड़ की लागत से पीएसी की बलाटियन की आधारशिला रखने के लिए आया हूं। यहां पर 1278 पीएसी के जवान रहेंगे। यहां पर PAC की एक बटालियन किसी भी विपरीत परिस्थिति का सामना करने के लिए प्रत्येक नागरिक के मन में सुरक्षा का एक नया विश्वास जागृत करने के लिए बड़ी भूमिका निभाएगी।
योगी आदित्यनाथ ने किहा कि मुजफ्फरनगर का दंगा रहा हो या फिर कैराना का पलायन... यह हमारे लिए राजनीतिक मुद्दा नहीं, बल्कि प्रदेश और देश की आन-बान-शान पर आने वाली आंच का मुद्दा रहा है। जब हम सत्ता में नहीं थे तब भी कहते थे कि इस प्रकार की कायराना हरकत बर्दाश्त नहीं करेंगे। सत्ता में आने पर हमने पलायन रोका और पलायन के लिए मजबूर करने वाले अपराधी खुद पलायन के लिए मजबूर हो गए।
योगी आदित्यनाथ ने दावा किया कि किसी अपराधी और माफिया की हैसियत नहीं कि वह सिर उठाकर सड़क पर चल सके, धमकी की बात तो दूर। उन्होंने कहा कि अगर किसी ने दुस्साहस किया, किसी नागरिक को गोली मारने का तो वह गोली उस नागरिक पर तो नहीं लगेगी बल्कि उल्टी उसकी छाती को बेधते हुए उसे दूसरी यात्रा पर भी भेज दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम किसी के सम्मान के विरुद्ध कोई कार्य नहीं करेंगे लेकिन कोई हमारी अस्मिता से खिलवाड़ करेगा, बहन-बेटियों की इज्जत को ठेस पहुंचाएगा या निर्दोष व्यापारियों को परेशान करेगा और दंगा करेगा तो उसकी आने वाली पीढ़ियां भूल जाएगी कि कैसे दंगा होता है। यही माहौल भाजपा की सरकार ने उत्तर प्रदेश में दिया है।
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