लखनऊ: लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंसे उत्तर प्रदेश के कामगारों और मजदूरों से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भावुक अपील की है। योगी ने गुरुवार को मजदूरों एवं कामगारों से कहा कि वे सब्र बनाए रखें और सरकार उन्हें उनके घर तक पहुंचाने की विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर रही है। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर गठित 'टीम-11' के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के दौरान सभी राज्यों में फंसे उत्तर प्रदेश के कामगारों और श्रमिकों से भावुक अपील की।
‘कतई पैदल न चलें कामगार और मजदूर’
योगी ने कहा कि इन कामगारों ने अभी तक जिस धैर्य का परिचय दिया है, उसे बनाए रखें। उन्होंने कहा, ‘संबंधित राज्यों की सरकारों से संपर्क कर सभी को घरों तक सुरक्षित पहुंचाने की विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जा रही है, इसलिए वे जहां हैं वहीं रहें। संबंधित राज्य सरकारों के संपर्क में रहें और कतई पैदल न चलें।’ उन्होंने कहा कि श्रमिकों को घर वापस लाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने संबंधित सभी राज्यों को पत्र लिखकर उनका नाम, पता, मोबाइल नंबर और मेडिकल रिपोर्ट समेत विस्तृत विवरण मांगा है।
श्रमिकों के लिए किए गए हैं कई इंतजाम
प्रवक्ता ने बताया कि दूसरे राज्यों से आने वाले कामगारों और श्रमिकों को उनके घरों तक सुरक्षित पहुंचाने की प्रक्रिया में मुख्यमंत्री योगी ने राजस्व विभाग से 6 लाख लोगों के लिए पृथक-वास केंद्र, आश्रय केंद्र और सामुदायिक रसोई तैयार कराए हैं। उन्होंने बताया कि गुरुवार को मध्य प्रदेश में फंसे उत्तर प्रदेश के कामगारों और श्रमिकों को वापस लाया जाएगा जबकि शुक्रवार को गुजरात से ऐसे लोगों को लाने का काम किया जाएगा। हरियाणा से 13 हज़ार लोगों को भी लाया जा रहा है।
दिल्ली से घर पहुंचाए गए थे 4 लाख लोग
प्रवक्ता ने कहा कि योगी सरकार ने इससे पहले दिल्ली से 28/29 मार्च को 4 लाख लोगों को सुरक्षित उनके घर तक पहुंचाया। हरियाणा और राजस्थान के भी 50 हजार लोगों को घरों तक पहुंचाया गया है। उन्होंने बताया राजस्थान के कोटा में फंसे उत्तर प्रदेश के 11,500 छात्र-छात्राओं को भी योगी सरकार सुरक्षित घरों तक पहुंचा चुकी है। इसके अलावा प्रयागराज से प्रदेश के विभिन्न जिलों के 15 हजार छात्रों को भी घरों तक पहुंचाया जा चुका है। (भाषा)
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