लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने गुरुवार को सूबे के व्यापारियों पर से लॉकडाउन उल्लंघन के मामले वापस लेने का निर्णय लिया है। यह प्रदेश के उन व्यापारियों के लिए बड़ी खबर है की जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान जिला प्रशासन के आदेश का उल्लंघन करके दुकान खोली थी और उन पर पुलिस केस दर्ज हुआ था। योगी सरकार अब ऐसे मुकदमे वापस लेने जा रही है और निश्चित तौर पर ये व्यापारियों के लिए एक बड़ी राहत होगी। बता दें कि देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान भी कई व्यापारियों ने अपनी दुकानें खोल रखी थीं, जिसके चलते उनके ऊपर मुकदमा दर्ज किया गया था।
ऐसे मुकदमों की तादाद 10 हजार से भी ज्यादा
रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुरुवार को उत्तर प्रदेश के कानून मंत्री बृजेश पाठक ने विधि और न्याय विभाग में इन मामलों को भेजा है ताकि ये मुकदमे वापिस किए जा सके। रिपोर्ट्स के मुताबिक, व्यापारियों पर किए गए ऐसे मुकदमों की संख्या 10 हजार से भी ज्यादा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उत्तर प्रदेश युवा उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल व लखनऊ कपड़ा व्यापार मंडल के पदाधिकारी शुक्रवार को विधि एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक से उनके आवास पर मिले थे। व्यापारियों ने उन्हें चार सूत्रीय मांग पत्र सौंपा। इसमें लॉकडाउन उल्लंघन के नाम पर प्रदेश के व्यापारियों पर दर्ज की गई एफआईआर को निष्प्रभावी करने की मांग की गई थी।
व्यापारियों से मुलाकात के बाद सरकार का फैसला
व्यापारियों से इस मुलाकात के बाद अब योगी सरकार ने व्यापारियों पर दर्ज मुकदमों के साथ ही अन्य लोगों से भी कोविड और लॉकडाउन से जुड़े मामले हटाने का फैसला किया है। कानून मंत्रालय ने इस बारे में प्रमुख सचिव को दिशा निर्देश जारी करते हुए प्रदेश भर में दर्ज मुकदमों का ब्योरा जुटाने को कहा है. कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने गुरुवार को इसके निर्देश अधिकारियों को जारी कर दिए हैं। इससे अब साफ हो गया है कि लोगों को कोविड-19 और लॉकडाउन तोड़ने के मामलों में पुलिस और कचहरी की दौड़-धूप नहीं लगानी होगी। इसे सूबे के आम आदमी के लिए एक बड़ी राहत माना जा रहा है।
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