अब योगी सरकार बांटेगी अखिलेश यादव की तस्वीर लगे स्कूल बैग....
योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री की गद्दी संभालते ही एक के बाद एक कई सख्त फैसले ले रहे हैं। योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश सरकार की सारी योजनाओं से समाजवादी नाम हटाने और उसकी जगह 'मुख्यमंत्री' शब्द लिखने का भी आदेश दिया था।
नई दिल्ली: योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री की गद्दी संभालते ही एक के बाद एक कई सख्त फैसले ले रहे हैं। योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश सरकार की सारी योजनाओं से समाजवादी नाम हटाने और उसकी जगह 'मुख्यमंत्री' शब्द लिखने का भी आदेश दिया था। मिसाल के लिए 'समाजवादी एंबुलेंस सेवा' अब 'मुख्यमंत्री एंबुलेंस सेवा' हो जाएगा। लेकिन मुख्यमंत्री योगी के इस फैसले ने सभी को चकित कर दिया है। (जब टिफिन लेकर कैबिनेट की बैठक में पहुंचे सभी मंत्री तो मुख्यमंत्री ने....)
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव की तस्वीर लगे स्कूल बैग को जारी रखने पर सहमति जताई है। हालांकि यह थोड़ा अजीब है कि सत्ता में आते ही योगी आदित्यनाथ ने जिस समाजवादी पार्टी सरकार में बनी योजनाओं को एक सिरे से समीक्षा के दायरे में डालना शुरू कर दिया था वहां स्कूल बैग पर लगे अखिलेश की तस्वीर को जारी रखने का फैसला उन्होंने (योगी आदित्यनाथ ने) कैसे ले लिया।
तो इसकी वजह यह है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पैसों को बर्बाद नहीं करना चाहते थे लिहाजा उन्होंने इन बैग को बच्चों में बंटवाने का फैसला लिया है। नए सत्र के लिए स्कूली बच्चों को देने के लिए कुल 35000 बैग बनवाए गए थे जिनपर अखिलेश यादव की तस्वीर छपी थी। सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री ने इस बात का फैसला लिया है कि अब इन बैग को बांटने के लिए किसी भी नेता का नाम नहीं इस्तेमाल किया जाएगा, अब इस योजना का नाम मुख्यमंत्री योजना या उत्तर प्रदेश योजना किया जाएगा। दिल्ली प्रदेश के भाजपा प्रवक्ता तेजिंदर पाल सिंह ने भी योगी आदित्यनाथ के इस सराहनीय फैसले के बारे में ट्वीट किया।
बता दें कि पिछली सरकार ने 1.8 करोड़ बैग का ऑर्डर दिया था। यह बैग कक्षा 1-8 तक के बच्चो में बांटे जाने थे। लेकिन बीच में चुनाव की अधिसूचना जारी हो गई और बाकी बच्चे बैग शिक्षा विभाग के अधिकारियों के पास फंसे रह गए थे। अब इन्हें बांटा जाएगा। अब समाजवादी पार्टी के नेताओं का कहना है कि योगी आदित्यनाथ के फैसले को बढ़ाचढ़ा कर पेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मायावती की सरकार के बाद जब अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी की सरकार बनी थी तब उन्होंने भी मायावती सरकार के दौरान लगाई गईं मूर्तियों वाले पार्कों से मूर्तियों हटाने का निर्देश नहीं दिया था। बल्कि यह साफ किया था कि इनकी सुरक्षा की जाएगी।
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