गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश सरकार ने दिल्ली-यूपी के गाजीपुर बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों को जगह खाली करने का अल्टिमेटम दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुरुवार रात तक गाजीपुर बॉर्डर खाली हो सकता है। गाजियाबाद के जिलाधिकारी ने धरना दे रहे किसानों को धरनास्थल से हटने का अल्टिमेटम दिया है। साथ ही जिला प्रशासन और पुलिस के बड़े अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। सूत्रों के मुताबिक, गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में हुई हिंसा को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में जगह-जगह चल रहे किसानों के धरने को खत्म कराने का आदेश जारी किया है।
सभी जिलाधिकारियों को जारी किए गए निर्देश
सूत्रों के मुताबिक, योगी सरकार ने सभी जिलाधिकारियों और पुलिस-प्रशासन को किसानों का धरना खत्म कराने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि सूबे के बड़ौत जिले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के पहले ही बागपत जिले में धरना दे रहे किसानों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है। बड़ौत इलाके में किसान बीते 19 दिसंबर से धरने पर बैठे थे। पुलिस ने हालांकि धरना जबरन समाप्त कराए जाने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि किसानों ने स्वेच्छा से अपना प्रदर्शन खत्म किया है। वहीं, किसानों का कहना है कि पुलिस ने उनके ऊपर लाठियां चलाईं, उनके तंबू हटाए और वहां से खदेड़ दिया।
विपक्षी दलों ने सरकार पर बोला हमला वहीं, इस मुद्दे को लेकर विपक्षी दलों ने
योगी सरकार पर हमला बोल दिया है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, ‘उत्तर प्रदेश में रात में किसानों पर लाठी चार्ज व उनकी बिजली काटने की ख़बर आई है। जिस प्रकार भाजपा सरकार अपनी चालों से भोलेभाले किसानों के आंदोलन को बदनाम कर रही है और जिस तरह भाजपाई षड्यंत्रों का पर्दाफ़ाश हो रहा है, उससे आम जनता की सहानुभूति किसान आंदोलन के साथ और भी बढ़ गई है।’ वहीं, यूपी कांग्रेस ने कहा, ‘बागपत में कल रात यूपी पुलिस ने किसानों से शांति वार्ता की। इस शांति वार्ता में 20 किसान घायल हो गए और उनका सामान रख लिया गया।’
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