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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश कीड़े ने बर्बाद कर दी इलाहाबादी अमरूद की 90 प्रतिशत से ज्यादा फसल, किसानों को भारी नुकसान

कीड़े ने बर्बाद कर दी इलाहाबादी अमरूद की 90 प्रतिशत से ज्यादा फसल, किसानों को भारी नुकसान

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में अमरूद की खेती करने वाले किसानों की 90 प्रतिशत से अधिक फसल पीली मक्खी कीट के कारण बर्बादी के कगार पर है।

Allahabadi Guava, Allahabadi Guava Damaged, Allahabadi Guava Crop Damaged- India TV Hindi Image Source : PIXABAY REPRESENTATIONAL उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में अमरूद की खेती करने वाले किसानों की 90 प्रतिशत से अधिक फसल पीली मक्खी कीट के कारण बर्बादी के कगार पर है।

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में अमरूद की खेती करने वाले किसानों की 90 प्रतिशत से अधिक फसल पीली मक्खी कीट के कारण बर्बादी के कगार पर है। यही वजह है कि इस मौसम में सुरखा और सफेदा अमरूद मंडियों से गायब हैं। उपनिदेशक (कृषि) विनोद कुमार ने बताया कि पिछले 2 साल से अमरूद पर कीटों का प्रकोप है, लेकिन इस बार तो 90 प्रतिशत तक फसल पीली मक्खी ने बर्बाद कर दी है। उन्होंने बताया कि कुछ साल पहले तक इलाहाबाद और कौशांबी जिले में 3,000 हेक्टेयर क्षेत्र में अमरूद की खेती होती थी जो अब घटकर 2700 हेक्टेयर रह गई है। इसमें इलाहाबादी अमरूद के रूप में प्रसिद्ध सुरखा की खेती 85-100 हेक्टेयर क्षेत्र में होती है।

‘पीली मक्खी ने अमरूद के फल में अंडे दे दिए’
बता दें कि सुरखा अमरूद देखने में सुर्ख लाल होता है और इसका स्वाद भी बेजोड़ है। सुरखा अमरूद की खेती का गढ़ कहे जाने वाले बाकराबाद गांव के किसान मुन्नू भाई पटेल ने बताया कि जिस बाग में एक मौसम में 50,000 रुपये की आमदनी होती थी, उस बाग से 10,000 रुपये भी आय होने की उम्मीद नहीं है। उन्होंने बताया कि पीली मक्खी ने अमरूद के फल में अंडे दे दिए जिससे पूरी फसल में कीड़े लग गए और पेड़ों पर 5 प्रतिशत भी फसल खाने लायक नहीं रह गए। नवंबर से लेकर जनवरी तक आमतौर पर एक बाग से 10,000-15,000 पेटी अमरूद निकलता था। लेकिन आज स्थिति यह है कि 100-150 पेटी भी अमरूद नहीं निकल रहा है।

‘अधिकारियों ने इस समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया’
पटेल ने आरोप लगाया कि इस संबंध में उन्होंने जिलाधिकारी, उद्यान अधिकारी, कृषि रक्षा अधिकारी से बात की, लेकिन अधिकारियों ने इस समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया। बाकराबाद में 500 बीघे में लाल अमरूद की खेती होती है। अमरूद के बाग लेकर उसकी बिक्री करने वाले लईक अहमद ने बताया, हमने एक-एक लाख रुपये में बाग लिया है और फसल पर कीड़े लगने से हमें भारी नुकसान हुआ है। उल्लेखनीय है कि इलाहाबादी सुरखा अमरूद को वर्ष 2006 में जीआई टैग प्रदान किया गया था।

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