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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश 2019 लोकसभा चुनाव में सपा ने बसपा से क्यों किया गठबंधन? अखिलेश यादव ने दिया ये जवाब

2019 लोकसभा चुनाव में सपा ने बसपा से क्यों किया गठबंधन? अखिलेश यादव ने दिया ये जवाब

उन्‍नाव की पूर्व सांसद अनु टंडन को सोमवार को सपा में शामिल कराने के बाद अखिलेश यादव ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि भारतीय जनता पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की एक ही चाहत समाजवादी पार्टी को हराना है। उन्‍होंने योगी आदित्‍यनाथ के नेतृत्‍व वाली राज्‍य सरकार और बसपा पर जमकर प्रहार किया।

Why SP has alliance with BSP in 2019 loksabha election akhilesh yadav explains । 2019 लोकसभा चुनाव म- India TV Hindi Image Source : PTI 2019 लोकसभा चुनाव में सपा ने बसपा से क्यों किया गठबंधन? अखिलेश यादव ने दिया ये जवाब

लखनऊ. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने गठबंधन किया था। हालांकि गठबंधन के बावजदू दोनों दलों को कोई खास सफलता नहीं मिली थी। मायावती की बसपा तो 10 सीटें जीतने में सफल रही थी लेकिन अखिलेश यादव की सपा महज 5 सीटों पर सिमट गई थी और उसे फिरोजाबाद और कन्नौज जैसे गढ़ों में हार का सामना करना पड़ा था। अब सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि ‘‘सांप्रदायिक’’ भाजपा को रोकने के लिए 2019 में बसपा के साथ गठबंधन करना जरूरी था। अखिलेश ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि डॉक्‍टर राम मनोहर लोहिया और डॉक्‍टर भीम राव आंबेडकर की विचारधारा एक रथ के दो पहिए की तरह है, इसीलिए बसपा के साथ गठबंधन किया था।’’

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उन्‍नाव की पूर्व सांसद अनु टंडन को सोमवार को सपा में शामिल कराने के बाद अखिलेश यादव ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि भारतीय जनता पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की एक ही चाहत समाजवादी पार्टी को हराना है। उन्‍होंने योगी आदित्‍यनाथ के नेतृत्‍व वाली राज्‍य सरकार और बसपा पर जमकर प्रहार किया। राज्‍य की सात विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को 'लिटमस टेस्‍ट' बताते हुए अखिलेश ने कहा कि जनता भाजपा को सबक सिखाने के लिए समय का इंतजार कर रही है।

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मायावती ने सोमवार की सुबह मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया, "उप चुनाव में सपा और कांग्रेस हमारी पार्टी के खिलाफ साजिश में जुटी है और गलत ढंग से प्रचार कर रही है ताकि मुस्लिम समाज के लोग बसपा से अलग हो जाएं।" मायावती ने यह भी कहा कि बसपा कभी भाजपा के साथ समझौता नहीं कर सकती है। पूर्व सांसद अनु टंडन ने हाल में प्रदेश नेतृत्‍व पर आरोप लगाते हुए कांग्रेस से इस्‍तीफा दे दिया था। इसके पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री सलीम शेरवानी और पूर्व बसपा सांसद त्रिभुवन दत्‍त समेत कई प्रमुख नेताओं ने समाजवादी पार्टी की सदस्‍यता ग्रहण की थी।

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अखिलेश ने मुख्‍यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश में ऐसी सरकार नहीं होनी चाहिए जिसकी भाषा और शब्‍दों का चयन ठीक न हो। उन्‍होंने कहा, ‘‘सरकार चलाने वालों की भाषा 'ठोको' है और सच यह है कि ठोको नीति वाले सरकार चला रहे हैं। सरकार के पास प्रदेश चलाने का विजन नहीं है।’’ उन्‍होंने कहा कि सपा नेता आजम खान और मुनव्‍वर राना के खिलाफ सरकार के निर्देश पर अधिकारियों ने कार्रवाई की है, जो अनुचित है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा ने दलितों का बहुत नुकसान किया है। सरकार न विकास पर चर्चा करना चाहती है और न ही किसानों की बात करना चाहती है। कोरोना काल में लोगों को इलाज तक नहीं मिल रहा है। उन्‍होंने कहा कि भाजपा को रोकना है और इसके लिए सबको जोड़ने की जरूरत है।

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