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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश क्यों महत्वपूर्ण है कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट? जिसका प्रधानमंत्री ने किया उद्घाटन

क्यों महत्वपूर्ण है कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट? जिसका प्रधानमंत्री ने किया उद्घाटन

इस हवाई अड्डे का निर्माण दुनिया को इस बौद्ध तीर्थस्थल से जोड़ने की कोशिश के तहत किया गया है। इससे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय तीर्थयात्रियों के लिए भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण स्थल की यात्रा करना सुविधाजनक हो जाएगा। यह हवाई अड्डा उत्तर प्रदेश और बिहार के निकटवर्ती जिलों के लिए लाभकारी होगा और यह क्षेत्र में निवेश एवं रोजगार के अवसर बढ़ाने की दिशा में भी एक अहम कदम है।

कुशीनगर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन किया। इस दौरान लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत विश्व भर के बौद्ध समाज की श्रद्धा, आस्था और प्रेरणा का केंद्र है। आज कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की ये सुविधा एक प्रकार से उनकी श्रद्धा को अर्पित पुष्पांजलि है। उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध से जुड़े स्थानों को विकसित करने के लिए, बेहतर कनेक्टिविटी के लिए, श्रद्धालुओं की सुविधाओं के निर्माण पर भारत द्वारा आज विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कुशीनगर का विकास उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार की प्राथमिकताओं में है।

क्यों इस क्षेत्र के विकास पर ध्यान दे रही है सरकार
दरअसल कुशीनगर एक अंतरराष्ट्रीय बौद्ध तीर्थस्थल है, जहां भगवान गौतम बुद्ध का महापरिनिर्वाण हुआ था। कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के उद्घाटन के मौके पर श्रीलंका से एक फ्लाइट 100 से अधिक बौद्ध भिक्षुओं और गणमान्य हस्तियों को लेकर यहां पहुंची। प्रधानमंत्री ने कहा कि श्रीलंका एयरलाइन की फ्लाइट का कुशीनगर में उतरना इस पुण्य भूमि को नमन करने की तरह है। 

इस हवाई अड्डे का निर्माण दुनिया को इस बौद्ध तीर्थस्थल से जोड़ने की कोशिश के तहत किया गया है। इससे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय तीर्थयात्रियों के लिए भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण स्थल की यात्रा करना सुविधाजनक हो जाएगा। यह हवाई अड्डा उत्तर प्रदेश और बिहार के निकटवर्ती जिलों के लिए लाभकारी होगा और यह क्षेत्र में निवेश एवं रोजगार के अवसर बढ़ाने की दिशा में भी एक अहम कदम है।

कुशीनगर के पास कौन-कौन से बौद्ध स्थल
आज के कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि कुशीनगर का विकास यूपी सरकार और केंद्र सरकार की प्राथमिकताओं में है। भगवान बुद्ध की जन्मस्थली लुंबिनी यहां से बहुत दूर नहीं है, कपिलवस्तु भी बिल्कुल पास में है। भगवान बुद्ध ने जहां पहला उपदेश दिया वह सारनाथ की भूमि भी दायरे में ही है, जहां बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ वो बोध गया भी कुछ घंटों की दूरी पर है, ऐसे में यह क्षेत्र सिर्फ भारत के बौद्ध अनुयायियों के लिए ही नहीं बल्कि अनेकों देशों को नागरिकों के लिए भी बहुत बड़ा श्रद्धा और आकर्षण का केंद्र बनने जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट सिर्फ एयर कनेक्टिविटी का ही माध्मम नहीं होगा बल्कि इसके बनने से किसान, पशुपालक, दुकानदार, श्रमिक और उद्यमियों को सीधा-सीधा लाभ मिलता है। व्यापार और कारोबार का एक पूरी ईको सिस्टम विकसित होगा। सबसे ज्यादा लाभ यहां के छोटे-मोटे बिजनेस वालों को भी होने वाला है और इस क्षेत्र के युवाओं को रोजगार के अनेकों अवसर होंगे। पर्यटन का कोई भी स्वरूप हो, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर उसके लिए बहुत जरूरी है।

आने वाले दिनों में शुरू होगी दिल्ली-कुशीनगर के बीच फ्लाइट
प्रधानमंत्री ने बताया कि अगले कुछ सप्ताह में दिल्ली और कुशीनगर के बीच स्पाइसजेट द्वारा उड़ान शुरू की जा रही है, इससे घरेलू यात्रियों और श्रद्धालुओं को बहुत सुविधा होने जा रही है। देश का एविएशन सेक्टर प्रोफेशनली चले इसके लिए हाल में एयर इंडिया से जुड़ा बड़ा कदम देश ने उठाया है। यह कदम भारत के एविएशन सेक्टर को नई ऊर्जा देगा। उन्होंने आगे कहा कि भारत के युवाओं को यहीं बेहतर ट्रेनिंग मिले इसके लिए देश के 5 एयरपोर्ट में 8 नई फ्लाइंग एकेडमी शुरू करने की प्रक्रिया शुरू की गई है।

प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत में हो रहे सुधारों का नतीजा है कि भारत के सिविल एविएशन सेक्टर में 1000 नए प्लेन जुड़ने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि उड़ान योजना के तहत बीते कुछ सालों में 900 से अधिक नए रूट्स को स्वीकृति दी जा चुकी है, इनमें से 350 से अधिक पर हवाई सेवा शुरू भी हो चुकी है। 50 से अधिक नए एयरपोर्ट या जो पहले सेवा में नहीं थे उन्हें चालू किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि आने वाले 3-4 सालों में प्रयास है कि देश में 200 से अधिक एयरपोर्ट, हेलीपोर्ट और सीप्लेन की सेवा देने वाले वॉटर ड्रोम का नेटवर्क भी देश में तैयार हो। 

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