जो संसद की गरिमा नहीं जानता, वह प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब देख रहा है : राजनाथ सिंह
केंद्रीय मंत्री गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने यहां शनिवार को भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश कार्यसमिति का उद्घाटन करते हुए सबसे पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी पर करारा प्रहार किया।
मेरठ: केंद्रीय मंत्री गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने यहां शनिवार को भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश कार्यसमिति का उद्घाटन करते हुए सबसे पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी पर करारा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि जिसे संसद की गरिमा की जानकारी न हो, वह देश का प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब देख रहा है। मेरठ के सुभारती विश्वविद्यालय परिसर में दो दिवसीय कार्य समिति की बैठक का शुभारंभ करते हुए राजनाथ ने कहा कि सांसद के लिए संसद के अंदर और बाहर एक गरिमा होती है, लेकिन जो व्यक्ति इस गरिमा को न रख सके, उससे और क्या उम्मीद की जा सकती है।
राजनाथ ने यह भी कहा कि संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान जिस तरह से कांग्रेस अध्यक्ष ने करिश्माई व्यवहार किया, वह संसद की गरिमा के अनुरूप नहीं था। उन्होंने यह भी भविष्यवाणी की कि कांग्रेस अब केंद्र की सत्ता में दोबारा आने वाली नहीं है।
कार्यसमिति के सदस्यों में जोश भरते हुए केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा, "भाजपा अध्यक्ष ने 350 का लक्ष्य रखा है। लोकसभा के चुनाव में हम इसे हासिल करके रहेंगे। केंद्र की सत्ता का एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश से ही होकर जाएगा और हम 2014 में प्राप्त 73 सीटों से भी बेहतर प्रदर्शन करेंगे। इस कार्यसमिति में कार्यकर्ताओं को यही संकल्प लेकर जाना चाहिए।"
अपने संबोधन में राजनाथ ने केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की योगी सरकार की नीतियों की जमकर प्रशंसा की और कहा कि जहां प्रधानमंत्री ने पूरी दुनिया में भारत की साख बढ़ाई है, वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में विकास का बेहतर माहौल बनाया है, इसी वजह से आज अपराधियों में दहशत व्याप्त है। अपराधी अपराध करने से डर रहा है।
पंडित दीन दयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, "भाजपा बाकी दलों से भिन्न क्यों है, इसलिए कि भाजपा परिवार आधारित पॉलिटकल इंटरप्राइज नहीं, बल्कि यह देश बनाने वाली राजनीतिक पार्टी है। हम ऐसी राजव्यवस्था चाहते हैं जो देश को समृद्ध बना सके।"
उन्होंने देश के समग्र विकास के लिए भौतिकवाद के साथ आध्यात्मिक उत्थान की भी चर्चा की। इस दौरान उन्होंने कार्यकर्ताओं को भी सीख दी कि वे जल्दबाजी में न रहें। उन्हें जब जो मिलना होगा, मिलकर रहेगा। अपने आपको याचक बनाकर प्रस्तुत करें, बल्कि दाता के रूप में व्यवहार करें।
देश की सुरक्षा के बारे में चर्चा करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि विकास के लिए सुरक्षा पहली शर्त होती है। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद जो पहले देश के 135 जिलों में फैला था, वह सिमटकर मात्र 8-9 जिलों में रह गया है। पूवरेत्तर का उग्रवाद भी लगभग समाप्ति पर है। काश्मीर में सेना के जवान रोज आतंकवादियों का अपना निशाना बना रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि मोदी सरकार ने सेना का हाथ खुला छोड़ दिया है। राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर पर बोलते हुए उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि क्या किसी देश के पास यह आंकड़ा नहीं होना चाहिए कि यहां कितने देशी हैं और कितने विदेशी हैं।