नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 29 सितंबर की रात एप्पल के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी की हत्या मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट और एकमात्र चश्मदीद के बयान ने पुलिस की पोल खोल दी है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक विवेक को लगी गोली ऊपर से नीचे की तरफ चलाई गई थी। वहीं पूर्व सहकर्मी सना का कहना है कि आरोपी सिपाही प्रशांत चौधरी ने एक से डेढ़ फुट ऊंचे डिवाइडर पर खड़े होकर गोली मारी थी। अब तक पुलिस की और से यही कहा जाता रहा था कि आरोपी ने अपने बचाव में गोली चलाई थी।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया गया है कि विवेक को चेहरे के बाईं तरफ प्वॉइंट ब्लैंक रेंज से गोली मारी गई। संभवतः गाड़ी के बोनट पर चढ़कर विवेक को गोली मारी गई थी। रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि विवेक को काफी नजदीक से गोली मारी गई है। इसके अलावा विवेक की खोपड़ी के अंदर बुलेट पाई गई है, यानी विवेक की मौत एक्सीडेंट की वजह से नहीं बल्कि गोली लगने की वजह से हुई है।
वारदात के बाद 29 सितंबर की रात 2:05 बजे विवेक को लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया। रात 2:25 पर विवेक की मौत हुई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में फायर आर्म इंजरी का ज़िक्र किया गया है। गोली लगने के बावजूद पुलिस ने एक्सीडेंट की थ्योरी दी। 3:30 बजे विवेक की पत्नी के अस्पताल पहुंचने के बावजूद 4:57 पर सना से पहली एफआईआर दर्ज करवाई।
दरअसल, लखनऊ शूटआउट के बाद मामले को दबाने में जुटी पुलिस का दावा था कि विवेक ने सिपाही को कुचलने का प्रयास किया जिस पर आत्मरक्षा में फायर कर दिया और गोली विवेक के चेहरे पर लगी जिससे उसकी मौत हो गई लेकिन पूर्व सहकर्मी के बयान और पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने लखनऊ पुलिस के अधिकारियों का सफ़ेद झूठ सामने ला दिया है।
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