वाराणसी: वाराणसी के पूर्व शिवसेना पदाधिकारी और वर्तमान में विश्व हिंदू सेना के अध्यक्ष अरुण पाठक ने एक बार फिर सोशल मीडिया पर एक विवादित बयान दिया है। वाराणसी में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के पोस्टर चिपकाने के मामले में कथित तौर पर तीन महीने से फरार चल रहे पाठक ने फेसबुक और ट्विटर पर केंद्रीय मंत्री नारायण राणे का सिर कलम करने वाले को 51 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है।
फेसबुक पर अरुण पाठक ने लिखा कि जिस पाकेटमार और टिकट ब्लैक में बेचने वाले को बाला साहब ने दया करके शिवसैनिक बनाया। उसे मुख्यमंत्री भी बनाया। उसने घटिया काम किया, सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए उसने बाला साहब के बेटे पर अटैक किया। ऐसे आदमी का सिर कलम करना चाहिए और जो ऐसा करेगा उसे मैं 51 लाख का इनाम दूंगा।
साथ ही पाठक ने ट्वीट कर कहा कि नारायण राणे की अस्थियों को काशी में विसर्जित नहीं करने दिया जाएगा। पाठक ने कहा यह बालासाहेब ही थे जिन्होंने नारायण राणे को शिव सैनिक बनाया और सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए, राणे ने बालासाहेब के बेटे पर हमला किया। इस बीच, वरिष्ठ अधिकारियों ने घटना पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
पाठक भेलूपुर थाने में दर्ज मामले में वांछित है लेकिन पुलिस उसका पता नहीं लगा पाई है। फरार चल रहे अरुण पाठक लगातार सोशल मीडिया पर एक्टिव होकर पोस्ट कर रहा है। अरुण पाठक ने फेसबुक और ट्विटर पर लिखा कि केंद्रीय मंत्री नारायण राणे का सिर कलम करने वाले को 51 लाख का इनाम दिया जाएगा।
बता दें कि 16 जुलाई 2020 को नेपाली राष्ट्रपति द्वारा दिए गए अयोध्या और श्रीराम पर बयान के विरोध में अरुण पाठक और कई अन्य लोगों ने मिलकर जल संस्थान वाराणसी में रहने वाले एक नेपाली युवक का गंगा तट पर मुंडन कर उससे जय श्रीराम के नारे लगाए थे। इस घटना के बाद से ही विश्व हिन्दू संगठन का राष्ट्रीय अध्यक्ष अरुण पाठक फरार है।
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