नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के कासगंज में कासगंज में एक बार फिर हिंसा भड़क गई है और हंगामा हो रहा है। उपद्रवियों ने दो बसों में आग लगा दी और एक दुकान में तोड़फोड़ की है। कासगंज में ताजा हंगामा कल की हिंसा में मारे गए चंदन के अंतिम संस्कार के बाद शुरू हुआ है। मृतक चंदन के माता-पिता की मांग को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दिए गए मुआवजे और सरकारी नौकरी के आश्वासन के बाद परिजनों ने अंतिम संस्कार किया। वहीं कासगंज में फिर से हिंसा भड़क उठी है। यहां एक खड़ी बस में गुस्साई भीड़ ने लगाई आग दी। बता दें कि गणतंत्र दिवस के दिन शुक्रवार को समुदाय विशेष के लोगों ने ABVP की तिरंगा यात्रा पर पथराव किया तो पूरे शहर में बवाल हो गया।
26 जनवरी के मौके पर ABVP प्रभात फेरी निकाल रही थी। बाइक पर सवार काफिला जैसे ही बिलराम गेट के पास पहुंचा दूसरे गुट ने इसका विरोध किया जिसके बाद पथराव शुरू हो गया। आगजनी और फायरिंग तक की गई जिसमें तीन लोगों को गोली लगी जिसमें एक युवक की मौत हो गई। हिंसा हुई तो सियासत भी तेज़ हो गई। भाजपा के सांसद-विधायक सड़कों पर उतरे आए और ये आरोप लगा दिया कि हमला करने वालों ने पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे लगाए थे लेकिन इन आरोपों की पुष्टि नहीं हुई है।
कासगंज में हिंसा के बाद भाजपा के लोकल नेताओं की तरफ से ऐसा दावा किया गया जिससे इस पूरे मामले ने एक नया मोड़ ले लिया है। भाजपा के सांसद-विधायक के मुताबिक जब तिरंगा यात्रा निकाल रहे ABVP के कार्यकर्ताओं का जुलूस बिलराम गेट के पास पहुंचा तो बाइक सवारों के आगे कुर्सिंयां फेंक कर उनका रास्ता रोक दिया गया।
भाजपा के सांसद-विधायक ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान ज़िंदाबाद और हिंदुस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए गए और जुलूस में शामिल ABVP कार्यकर्ताओं से भी ऐसे ही नारे लगाने के लिए कहा गया लेकिन कासगंज के एसपी ने भाजपा नेताओं के दावे को खारिज कर दिया है।
हिंसा के गुनहगारों का पता लगाने के लिए पुलिस की तहकीकात जारी है और सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं। अफसर से लेकर सरकार के मंत्री तक दावे कर रहे हैं कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। वहीं पीड़ित परिवार अब चंदन को शहीद का दर्जा देने और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहा है।
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