विकास दुबे का लक अच्छा था इसलिए बचता रहा, इंडिया टीवी को दिए इंटरव्यू में पत्नी ने कहा
ऋचा दुबे ने विकास दुबे के एनकाउंटर को लेकर कहा कि देखिए मुझे अपनी न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है।
लखनऊ। गैंगस्टर विकास दुबे की पत्नी ऋचा दुबे ने कानपुर में 8 पुलिसकर्मी हत्याकांड के बाद पहली बार मीडिया के सामने आकर कई खुलासे किए हैं। ऋचा दुबे ने इंडिया टीवी के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में जय बाजपेयी को लेकर भी सवालों के जवाब दिए। विकास दुबे ने पुलिसवालों की हत्या क्यों की इस सवाल के जवाब में ऋचा ने बताया कि मुझे नहीं पता कि विकास ने ये क्यों किया। मुझे पता होता तो मैं पुलिसवालों की हत्या नहीं होने देती। जिन पुलिसवालों की हत्या हुई है उनके परिवार वालों से मैं हाथ जोड़कर माफी मांगती हूं। ऋचा दुबे ने कहा कि अगर मैं होती तो मैं खुद विधवा हो जाती लेकिन 8 लोगों का सुहाग बचा लेती, हर औरत से माफी मांगती हूँ, हमको माफ किया जाए।
ऋचा दुबे ने विकास दुबे के एनकाउंटर को लेकर कहा कि देखिए मुझे अपनी न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। एनकाउंटर पर उठाए जा रहे सवालों और सुप्रीम कोर्ट की प्रतिक्रिया को लेकर ऋचा दुबे ने कहा कि न्यायपालिका जो निर्णय देगी वो मेरे लिए सर्वोपरी होगा, मैं उसके विरुद्ध नहीं जाऊंगी। जय बाजपेयी को लेकर पूछे सवाल को लेकर ऋचा दुबे ने कहा कि जय बाजपेयी से मेरी ज्यादा मुलाकात नहीं हुई सिर्फ एक बार हुई जब मैंने जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ रही थी। लेकिन मेरी उससे ज्यादा कुछ नहीं बात हुई।
ऋचा दुबे ने बताया कि मैं जय बाजपेयी से सिर्फ एक बार मिली थी जब मैं जिला पंचायत का चुनाव लड़ी थी। पंती का किस्से क्या है मुझे नहीं पता, मीडिया से ही पता लगा है विकास की डायरी मिलेगी तो मैं खुद पैसे लेने जाऊंगी उससे, अगर ऐसा कुछ है तो विकास का luck था, अपने luck से चल रहा था, luck खराब रहा उसका, कितनी जरूरत थी हम लोगों की मैं क्या बताऊँ, कैसे समय काट रहे हैं, इस महीने ख़र्चा चलेगा अगले महीने क्या होगा? मैं नहीं जानती हूं। LDA में मैं गई थी, मुझे पता लगा कि नक्शे में कुछ गड़बड़ है लेकिन हमने तो builder से लिया है, हमको बहुत strugle किया है, मैं चाहती हूं समाज मेरी मदद करे, मुझसे सवाल पूछना है आके पूछे, मैं समाज में रहना चाहती हूं।
ऋचा दुबे ने कहा कि विकास को मैं समझना चाहती थी लेकिन विकास अलग दिमाग के आदमी थे, वो न चाहते तो बच्चे न पढ़ पाते, पैसे वही देते थे लेकिन मेरे समझाने का असर नहीं होता था उनके ऊपर, लेकिन मैंने ज्यादा समझा दिया तो मुझे खामियाजा भी भुगतना होता था, torture भी होता था मुझे मारपीट भी देता था विकास, मुझे घर में कोई नहीं बचाता था। प्रॉपर्टी कोई नहीं थी, जिसके पास करोड़ों की प्रॉपर्टी हो उसकी बीवी 1600 square feet में रहेगी क्या? 500 करोड़ होते तो मैं टाटा बिरला ही होती इंडिया में न रहती, विकास अच्छे पिता थे बच्चों को बनाना चाहते थे लेकिन वो उस दुनिया से निकलना भी नहीं चाहते थे जिस दुनिया मे वो विलुप्त हो चुके थे।
बिकरु गांव का माहौल मुझे पसंद नहीं था, मैं पूजा बहुत करती हूं, विकास के बच्चे विकास की तरह न हो जाए, हिंदुस्तान की नारी को ये डर बड़ा होता है, गुरु जी ने मुझे समझाया, शाखाएं को काटना पड़ता है तब पेड़ बनता है, बदमाश की औलाद बदमाश होती है ये मैं बिल्कुल नहीं चाहती थी, मैं बच्चों को अलग ट्रैक पे ले जाना चाहती थी, इसको मैंने किया और इसमें मैं 50 प्रतिशत कामयाब भी हुई, मेरा बड़ा बेटा moscow में medical student है, छोटा बेटा 91.4 प्रतिशत आए हैं वो IAS बनना, बच्चे न बिगड़ जाए उस माहौल में मैं 3 साल बिकरु में रही फिर अपनी मां के साथ कानपुर में रही, लेकिन मां-बाप कब तक रखते फिर मैं 2008 में lucknow शिफ्ट हो गई।
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