कानपुर. यूपी के कानपुर के गांव बिकरू में हुई घटना में बुलंदशहर का घायल सिपाही अजय कश्यप आज हॉस्पिटल से बुलंदशहर के कस्बा डिबाई स्थित अपने घर पहुंचे। ऑपरेशन में शामिल अजय उस स्याह रात का चश्मदीद भी है। घायल सिपाही अजय ने खौफनाक ऑपरेशन का सच सामने रखा तो सभी के रोंगटे खड़े हो गए।
अजय के मुताबिक गुरुवार रात करीब 12:15 बजे सीओ की अगुवाई में तीन थानों की पुलिस कुख्यात अपराधी विकास दुबे के घर दबिश देने के लिए निकली थी। पुलिस ने अपने वाहन गांव से बाहर खड़े कर दिये और पैदल ही विकास दुबे के घर की तरफ निकल पड़ी।
सिपाही अजय ने बताया कि विकास दुबे के घर से करीब 200 मीटर दूर रास्ते मे एक जेसीबी मशीन खड़ी हुई थी। पुलिस जेसीबी को क्रॉस कर विकास दुबे के घर की तरफ बढ़ी। पुलिस ने विकास दुबे की छत पर टार्च मारी तो वहां एक आदमी दिखाई दिया। पुलिस विकास दुबे के घर की बैक साइड से घेराबंदी करना चाहती थी। पुलिस विकास दुबे के मकान की बेक साइड जाने के लिए कोने पर पहुंची ही थी कि गोलियों को बौछार शुरू हो गई।
अजय के अनुसार, पहली बार मे ही बदमाशों ने 20-22 राउंड फायरिंग पुलिस पर की। गोली एसओ, सिपाही अजय सेंगर और सिपाही अजय कश्यप को लगी। घायल पुलिसकर्मियों ने कवरिंग फायर करते हुए पहले एक दीवार और ट्राली की आड़ ली और एक छतिग्रस्त मकान से होते हुए गली में पहुंच गए।
इसके बाद गली से होते हुए घायल पुलिस वाले अपनी जीप पर पहुंचे। वहां से सीनियर अफसरों ने घायलों को अस्पताल भिजवाया। अजय ने बताया कि उसको अपने बचने की इतनी खुशी नहीं है जितना रंज अपने साथियों की शहादत का है। वहीं, जैसे ही लोगों को अजय के घर पहुंचने की जानकारी हुई लोगों का अजय को देखने के लिए तांता लग गया।
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