नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के कानपुर के बिकेरु गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के आरोपी और हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के फरीदाबाद के एक गेस्ट हाउस में छिपे होने की सूचना के बाद पुलिस ने वहां छापेमारी की, हालांकि वह पुलिस के हाथ नहीं लगा। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस सूत्रों ने बताया कि फरीदाबाद क्राइम ब्रांच को मुखबिर से सूचना मिली थी कि दुबे यहां ब़ड़खल चौक स्थित एक ओयो होटल में छिपा है।
उन्होंने बताया कि इसी आधार पर फरीदाबाद की अपराधा शाखा के दल ने होटल में छापेमारी की। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि मौके पर गोली भी चली है लेकिन पुलिस ने इससे इंकार किया है। पुलिस प्रवक्ता के अनुसार पुलिस टीम ने होटल के एक-एक कमरे की बारीकी से तलाशी ली, लेकिन विकास दुबे वहां नहीं मिला। बताया जा रहा है कि दुबे गेस्ट हाउस में छापेमारी से पहले ही चुपचाप पैदल ही वहां से निकल गया।
पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज से ही इसकी सच्चाई सामने आयेगी कि दुबे वास्तव में वहां था भी या नहीं । हालांकि, सीसीटीवी फुटेज में गमछा लपेटे एक व्यक्ति दिख रहा है जो दुबे जैसा ही लग रहा है। उसने नीले रंग का मास्क पहना हुआ है और इसी रंग की जींस और गुलाबी टीशर्ट पहने है। चर्चा है कि दुबे फरीदाबाद में 2-3 दिन रुका था और वह ओयो होटल के अलावा नहर पार की न्यू इंदिरा कॉलोनी में अपने कुछ दूर के रिश्तेदारों के यहां भी रूका था। पुलिस के अपुष्ट सूत्रों ने बताया है कि इस मामले में अपराधा शाखा की टीम ने दो तीन लोगों को पूछताछ के लिये हिरासत में लिया है।
विकास दुबे फरीदाबाद में कहा-कहा छिपा और कैसे फरार हुआ
विकास दुबे दोपहर 12:30 बजे से 1 के बीच वो ओयो होटल के रिस्पेशन के सीसीटीवी में कैद होता है, इसके बाद 3 बजे पुलिस उस होटल से लगभग 5 किलोमीटर दूर अंकुर के घर हरि नगर इंद्रा कम्प्लेक्स में पहुंचती है। जहां से अंकुर उसका पिता श्रवण और विकास दुबे के गुर्गे प्रभात को पकड़ती है। अंकुर के घर से दो किलोमीटर दूर बाहर मेन रोड पर बीकानेर रेस्टोरेंट की सीसीटीवी में विकास दुबे 03 बजकर 15 मिनट से 20 मिनट तक दुकान के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद होता है और सीसीटीवी देखकर खंबे के पीछे छिपता है। फिर ऑटो पकड़ कर निकल जाता है।
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