Vikas Dubey encounter: विकास दुबे एनकाउंटर से सवालों के घेरे में यूपी पुलिस, देने होंगे ये 10 जवाब
यूपी के आला अधिकारियों ने वही घटनाक्रम बयान दिया है जो अक्सर सभी एन्काउंटर के बाद सुनने को आता है।
उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक नाटकीय घटनाक्रम में मोस्ट वॉन्टेड गैंगस्टर विकास दुबे मारा गया है। पुलिस के अनुसार एएसटीएफ की टीम उसे उज्जैन से लेकर कानपुर आ रही थी। तभी कानपुऱ के निकट भौंती में एसटीएफ की गाड़ी पलट गई। इसके बाद विकास दुबे पुलिस की पिस्टल छीनकर भागा। पुलिस की जवाबी कार्रवाई विकास दुबे मारा गया। इससे पहले गुरुवार को भी अल सुबह फरीदाबाद से गिरफ्तार कर कानपुर लाया जा रहा विकास का साथी प्रभात भी एन्काउंटर में मारा गया था। बताया जा रहा है उसकी गाड़ी भी पंचर हुई थी। उसने भी पुलिस के हथियार छीनने की कोशिश की थी।
एन्काउंटर के बाद यूपी पुलिस एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। यूपी के आला अधिकारियों ने वही घटनाक्रम बयान दिया है जो अक्सर सभी एन्काउंटर के बाद सुनने को आता है। बताया जा रहा है कि विकास दुबेे के एन्काउंटर की आशंका पहले से ही व्यक्त की जा रही थी। गुरुवार रात को ही सुप्रीम कोर्ट में एक वकील घनश्याम उपाध्याय ने याचिका दायर की है। इसमें भी विकास के एन्काउंटर का शक जताया गया था। वहीं अखिलेश यादव से लेकर प्रियंका वाड्रा और दिग्विजय सिंह ने भी इसे फर्जी एन्काउंटर करार दिया है।
यूपी पुलिस को देने होंगे इन 10 सवालों के जवाब
- झांसी उरई से सुरक्षित रूप से पार करने के बाद कानपुर की सीमा में आने के बाद एसटीएफ के काफिले की गाड़ी कैसे पलटी? सिर्फ उसी गाड़ी का एक्सीडेंट कैसे हुआ जिसमें विकास सवार था।
- एक्सीडेंट होते ही जब विकास पुलिस के हथियार छीन कर भागा तो पुलिस ने उसे जिंदा पकड़ने की कोशिश क्यों नहीं की
- खबर है कि विकास दुबे के काफिले के साथ मीडिया की कुछ कारें आ रही थीं, उन्हें सचेंडी के पास क्यों रोका गया?
- क्या एसटीएफ ने विकास दुबे को लाते समय सावधानी नहीं बरती, जो उसने पुलिस से भिड़ने की हिम्मत जुटाई?
- क्या विकास दुबे ने पहले पुलिस पर गाली चलाई या पुलिस की ओर से उसे रोकने के लिए गोली चलाई गई?
- गुरुवार सुबह लगभग ऐसी ही परिस्थितियों में फरीदाबाद से गिरफ्तार कर लाया जा रहा प्रभात भी मारा गया था। उसे भी कानपुर सीमा के भीतर मारा गया, ऐसा इत्तेफाक कैसे?
- क्या मुठभेड़ में सीने पर गोली मारी जाती है? क्या पुलिस का मकसद उसे रोकना नहीं, जान से मारना था?
- विकास जब अस्पताल लाया गया तब उसके खून नहीं बह रहा था। क्या उसकी मौत अस्पताल लाने से पहले ही हो गई थी?
- विकास दुबे ने जिस प्रकार उज्जैन में खुद चिल्ला चिल्लाकर मीडिया के सामने गिरफ्तारी दी, उसने कानपुर आते ही भागने की कोशिश् क्यों की?
- क्या विकास को हथकड़ी नहीं लगाई गई थी? एसटीएफ से यह चूक कैसे हुई?
कानपुर पश्चिम के एसपी ने बताया कि वाहन दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद विकास दुबे ने घायल सिपाहियों से पिस्टल छीनने की कोशिश की। भाग रहे विकास दुबे को पुलिस ने सरेंडर के लिए कहा, जिस पर उसने पुलिस कर्मियों पर फायर कर दिया। जवाब में उसे पुलिस की गोली लगी। यह हादसा कानपुर के पास ही हुआ है। हादसे से कुछ देर पहले ही यूपी एसटीएफ की टीम कानपुर टोल प्लाजा के पास से गुजरी थी। बता दें कि कल ट्रांजिट रिमांड के बाद विकास दुबे को मध्य प्रदेश पुलिस ने यूपी एसटीएफ को सौंप दिया है। मिली जानकारी के अनुसार, उत्तरप्रदेश एसटीएफ 2 गाडियों में उज्जैन आई थी। बताया जा रहा है कि यूपी एसटीएफ के साथ उज्जैन पुलिस भी यूपी बॉर्डर तक आई थी।
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