कानपुर. बिकरू कांड के मारे गए आरोपी विकास दुबे के साथी जयकांत बाजपेयी के घर में अवैध रूप से रह रहे तीन पुलिस उपनिरीक्षकों को निलंबित कर दिया गया है। पुलिस सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि बाजपेयी के घर में रह रहे दारोगा राजकुमार, उस्मान अली और खालिद को 24 घंटे के भीतर पुलिस लाइन में हाजिर होने को कहा गया है। इन तीनों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं। मामले की जांच रिपोर्ट वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को सौंपे जाने के बाद इन आरोपी पुलिसकर्मियों पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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सूत्रों के मुताबिक पुलिस के आला अधिकारियों को मालूम हुआ था कि बिकरू कांड मामले में जेल में बंद अभियुक्त जयकांत बाजपेयी के घर में कुछ पुलिसकर्मी अवैध रूप से रह रहे हैं। इसपर नजीराबाद की पुलिस क्षेत्राधिकारी गीतांजलि सिंह की अगुवाई में एक पुलिस दल ने ब्रह्म नगर स्थित बाजपेयी के विवादित मकान पर छापा मारा। इस दौरान वहां दारोगा राजकुमार, उस्मान अली और खालिद आराम करते मिले।
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कानपुर के पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल ने कहा कि ये तीनों दारोगा आठ पुलिसकर्मियों की हत्या की साजिश रचने के आरोपी जयकांत बाजपेयी के घर में रह रहे थे। उनकी इस हरकत से पुलिस की छवि खराब हुई है। उन्होंने बताया कि जयकांत के कुछ साथियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। वहीं, उसके तीन भाइयों रजय, अजय और शोभित पर 25-25 हजार रुपये का इनाम रखा गया है। गौरतलब है कि कानपुर जिले के चौबेपुर थाना क्षेत्र स्थित बिकरू गांव में गत दो/तीन जुलाई की मध्यरात्रि को विकास दुबे को गिरफ्तार करने के लिए दबिश देने गई पुलिस टीम पर घात लगाकर गोलियां दागी गई थीं।
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इस हमले में बिल्हौर के पुलिस क्षेत्राधिकारी देवेन्द्र मिश्र समेत आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे तथा छह अन्य जख्मी हो गए थे। मामले का मुख्य आरोपी विकास दुबे गत 10 जुलाई को स्पेशल टास्क फोर्स के साथ हुई कथित मुठभेड़ में उस समय मारा गया था जब उसे मध्य प्रदेश के उज्जैन से कानपुर लाया जा रहा था।
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