A
Hindi News भारत उत्तर प्रदेश VHP ने कहा- हमें मंदिर के लिए पूरी जमीन चाहिए, मुस्लिम पक्ष की तरफ से आया यह बयान

VHP ने कहा- हमें मंदिर के लिए पूरी जमीन चाहिए, मुस्लिम पक्ष की तरफ से आया यह बयान

फारूकी ने कहा कि अगर बातचीत होनी है तो उसमें केन्द्र सरकार को मध्यस्थता करनी चाहिये, या फिर सिर्फ पक्षकार ही बैठकर बात करें, इधर-उधर के लोग नहीं।

VHP rejects land sharing formula, demands whole land for Ram Temple | PTI- India TV Hindi VHP rejects land sharing formula, demands whole land for Ram Temple | PTI

अयोध्या: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में रविवार को विश्व हिंदू परिषद (VHP) की धर्म सभा में भगवान राम के मंदिर के लिए पूरी विवादित जमीन की मांग की गई। विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री चंपत राय ने कहा कि उन्हें मंदिर के लिये जमीन के बंटवारे का फार्मूला मंजूर नहीं है और उन्हें पूरी की पूरी भूमि चाहिए। राय ने कहा कि ‘हमें बंटवारे का फार्मूला मंजूर नहीं है। हमें  टुकड़ा नहीं चाहिए। राम मंदिर के लिए पूरी की पूरी भूमि चाहिये।‘ उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हर हिंदू का सपना है और यह हर हाल में बनकर रहेगा। हालांकि राय ने बंटवारे के किसी फार्मूले का खुलासा नहीं किया।

‘मुस्लिम पक्ष की तरफ से नहीं दिया गया कोई फॉर्मूला’
इस बीच, अयोध्या विवाद के प्रमुख पक्षकार सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष जुफ़र फारूकी ने राय के बयान और फार्मूले के जिक्र के बारे में पूछे जाने पर बताया कि उनकी जानकारी में मुस्लिम पक्ष की तरफ से कोई फार्मूला नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि जहां तक मीडिया में मुस्लिम पक्ष द्वारा विवादित स्थल की एक तिहाई जमीन को छोड़कर बाकी भूमि देने का वादा किये जाने की बात कही जा रही है, तो यह बताना जरूरी है कि हमने ऐसा कोई वादा नहीं किया। 

‘हिंदू पक्ष कभी बातचीत की पेज पर नहीं आया’
फारूकी ने कहा कि हिंदू पक्ष कभी बातचीत की मेज पर आया ही नहीं। पक्षकार चाहें तो बातचीत से इनकार नहीं है। बातचीत से हमने इनकार तो नहीं किया। मुद्दा यही है कि बात किससे की जाए। उन्होंने कहा कि अगर बातचीत होनी है तो उसमें केन्द्र सरकार को मध्यस्थता करनी चाहिये, या फिर सिर्फ पक्षकार ही बैठकर बात करें, इधर-उधर के लोग नहीं।

2010 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दिया था यह फैसला
मालूम हो कि सितम्बर 2010 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में अपना निर्णय सुनाते हुए विवादित स्थल की एक तिहाई जमीन मुस्लिम पक्ष और बाकी जमीन दो अन्य पक्षकारों को देने का आदेश दिया था। इस निर्णय को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गयी थी, जहां यह मामला अभी लम्बित है।

Latest Uttar Pradesh News