यूपी के कानपुर और वाराणसी में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू, योगी कैबिनेट ने दी मंजूरी
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने गुरुवार को औद्योगिक राजधानी कानपुर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी जिलों में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू करने की मंजूरी दे दी है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार लगातार कानून-व्यवस्था को लेकर बड़े फैसले ले रही है। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने गुरुवार को औद्योगिक राजधानी कानपुर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी जिलों में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू करने की मंजूरी दे दी है। इसका उददेश्य पुलिस को और अधिक शक्तियां प्रदान करना है।
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया। प्रदेश सरकार ने पिछले साल जनवरी में राजधानी लखनऊ और नोएडा में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू की थी और अपर पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारी की तैनाती की थी। कमिश्नर प्रणाली से पुलिस अधिकारियों को मजिस्ट्रेट स्तर की शक्तियां सहित कई अन्य अधिकार मिल जाते हैं। बता दें कि, नोएडा और लखनऊ में पहले से ही पुलिस कमिश्नरट सिस्टम है। यानि अब यूपी में 4 पुलिस कमिश्नरेट होंगे। एडीजी स्तर के अधिकारी पुलिस कमिश्नर होंगे।
यूपी के पूर्व डीजीपी ने दिया धन्यवाद
वहीं, कानपुर और वाराणसी में पुलिस कमिश्नरेट लागू होने पर प्रदेश के पूर्व डीजीपी बृजलाल ने सरकार को धन्यवाद दिया है। उन्होंने ट्वीट किया- कानपुर और वाराणसी में पुलिस कमिशनर प्रणाली लागू करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को बहुत-बहुत साधुवाद। लखनऊ और नोएडा के बाद दोनों बड़े शहरों में इस प्रणाली को लागू होने के बाद पुलिस अधिकारियों को इसे सफल बनाने में जी-जान से जुट जाना चाहिए।
साल 2020 में 13 जनवरी को राजधानी लखनऊ और आर्थिक राजधानी नोएडा (गौतमबुद्धनगर) में पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था को लागू किया गया था। यहां एक साल कमिश्नरेट सिस्टम की सफलता के बाद प्रदेश में कमिश्नरेट जिलों की संख्या में इजाफा किया गया है। कमिश्नरी सिस्टम लागू होने के बाद वाराणसी कमिश्नरी में 18 थाने होंगे, जबकि 10 थाने ग्रामीण के अंतर्गत आएंगे। कानपुर कमिश्नरी में 34 थाने होंगे, जबकि कानपुर आउटर में 11 थाने होंगे।
जानिए क्या है कमिश्नरेट प्रणाली?
अगर आसान भाषा में कमिश्नर प्रणाली को समझें तो सामान्यत: पुलिस अधिकारी कोई भी फैसला लेने के लिए स्वतंत्र नहीं होते हैं। आकस्मिक परिस्थितियों में जिलाधिकारी, मंडल का कमिश्नर या फिर शासन के आदेश के अनुसार ही पुलिस अधिकारी काम करते हैं, लेकिन कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने पर जिलाधिकारी और एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के ये सभी अधिकार पुलिस अधिकारियों को मिल जाते हैं। जिससे पुलिस के अधिकार काफी हद तक बढ़ जाते हैं। पुलिस कमिश्नर प्रणाली में CRPC के सारे अधिकार पुलिस अधिकारी को मिल जाते हैं, ऐसे में पुलिस त्वरित कार्रवाई करने में सक्षम होती है। जिससे कानून व्यवस्था मजबूत होती है। पुलिस कमिश्नरी प्रणाली लागू होने से पुलिस को कई अधिकार मिल जाते हैं। कमिश्नर का मुख्यालय बनाया जाता है। एडीजी स्तर के सीनियर आईपीएस को पुलिस कमिश्नर बनाकर तैनात किया जाता है। महानगर को कई जोन में बांट दिया जाता है। हर जोन में डीसीपी तैनात किये जाते हैं, जो एसएसपी की तरह उस जोन में काम करते हैं, जो उस पूरे जोन के लिए जिम्मेदार होते हैं।
कमिश्नर सिस्टम के कुल पद इस प्रकार हैं-
- पुलिस कमिशनर- CP
- संयुक्त आयुक्त- JCP (2)
- डिप्टी कमिश्नर- DCP
- सहायक आयुक्त- ACP
- पुलिस इंस्पेक्टर- PI
- सब इंस्पेक्टर- SI
- पुलिस दल का सिस्टम लागू रहेगा।