वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एक निर्माणाधीन फ्लाइओवर का हिस्सा गिर गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन के पास स्थित निर्माणाधीन फ्लाइओवर के 50 फीट लंबे स्लैब के गिरने की वजह से कम से कम 15 लोगों की मौत की खबर आ रही है। स्थानीय लोगों के मुताबिक, जिस वक्त इस स्लैब को दो पिलर्स के बीच में रखा जा रहा था उस वक्त भी वहां ट्रैफिक चल रहा था, तभी अचानक यह नीचे गिर पड़ा। गिरे हुए स्लैब के नीचे कई गाड़ियां दब गईं और कम से कम 15 लोग काल के गाल में समा गए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस फ्लाइओवर के गिरे हुए स्लैब के मलबे के नीचे कम से कम 50 लोगों के दबे होने की खबर है।
यह फ्लाइओवर पिछले एक साल से बनाया जा रहा था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दुर्घटना के वक्त एक 50 फीट लंबे स्लैब को ब्रिज के ऊपर चढ़ाया जा रहा था। उस समय ट्रैफिक को भी नहीं रोका गया था और इसी दौरान यह गिर गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मलबे के नीचे एक सिटी बस, कई कारें और अन्य वाहन दबे हुए हैं। स्थानीय लोगों ने हादसे के तुरंत बाद राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया। इस दुर्घटना में स्लैब के नीचे दबे 3 लोगों को जिंदा बाहर निकाल लिया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर दुख जताया है। साथ ही उन्होंने मृतकों के परिजनों के लिए 5 लाख रुपये एवं घायलों के लिए 2 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया है। उन्होंने 48 घंटे के अंदर हादसे के लिए गठित की गई जांच कमिटी से अपनी रिपोर्ट देने के लिए कहा है।
बताया जा रहा है कि मलबे के नीचे अभी भी बड़ी संख्या में लोग दबे हुए हैं और उन्हें निकालने की कोशिशें की जा रही हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तत्काल और मुस्तैदी से राहत एवं बचाव कार्य करने के निर्देश दिए हैं और कहा है कि इस घटना के दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी घटना पर दुख जताते हुए ट्वीट किया है। वहीं, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं। शुरुआती रिपोर्ट्स में फ्लाइओवर के निर्माण के दौरान घोर लापरवाही की बात सामने आ रही है। स्थानीय लोगों ने घटना पर आक्रोश जताते हुए इसके लिए पूरी तरह प्रशासन को जिम्मेदार बताया है।
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