क्या BJP के नजदीक जा रहे हैं अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव? योगी सरकार ने दिया मायावती का बंगला
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने शिवपाल यादव को वह बंगला अलॉट किया है जो कभी मायावति के पास होता था
नई दिल्ली। क्या समाजवादी पार्टी (SP) अध्यक्ष अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नजदीक जा रहे हैं? यह सवाल तब उठ रहा है जब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने शिवपाल यादव को वह बंगला अलॉट किया है जो कभी मायावती के पास होता था। शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार ने शिवपाल यादव को 6 एलबीएस रोड पर बने बंगले को शिवपाल यादव को अलॉट किया है।
शिवपाल का नया पता 6, लाल बहादुर शास्त्री मार्ग, लखनऊ होगा। मायावती ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवंटित बंगलों से बेदखली के उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुपालन में इसे खाली किया था। कांग्रेस ने प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के इस कदम को शिवपाल को भाजपा की ‘मदद’ का इनाम करार दिया है। वहीं, सत्तारूढ़ भाजपा का कहना है कि शिवपाल को वरिष्ठ सदस्य होने के नाते ही वह बंगला आवंटित किया गया है। इसमें कोई राजनीति नहीं है।
बहरहाल, शिवपाल ने खुद को यह बंगला आवंटित किये जाने को तर्कसंगत बताते हुए कहा ‘‘खुफिया रिपोर्ट थी कि मुझे खतरा है, इसलिये हम चाहते थे कि सरकार हमें एक सुरक्षित मकान दे।’’ उन्होंने कहा कि वह पांच बार के विधायक हैं। उन्हें यह मकान वरिष्ठ विधायक के तौर पर तमाम नियम-कायदों का पालन करने के बाद आवंटित हुआ है।
शिवपाल के एक करीबी सूत्र ने बताया कि अभी तक विक्रमादित्य मार्ग पर आवंटित बंगले में रहने वाले शिवपाल अब अपने इस बंगले को मोर्चे के कार्यालय के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने गत सात मई को अपने आदेश में प्रदेश के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवंटित बंगले खाली करने का आदेश दिया था। इसके अनुपालन में मायावती, मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव, नारायण दत्त तिवारी तथा राजनाथ सिंह ने अपने-अपने सरकारी बंगले खाली किये थे।
कांग्रेस के मीडिया समन्वयक राजीव बख्शी ने आरोप लगाते हुए कहा कि शिवपाल की भाजपा से सांठगांठ है। उन्हें सत्तारूढ़ पार्टी की मदद करने का इनाम मिला है। शिवपाल भाजपा के ही इशारे पर सपा से अलग हुए हैं। अब भाजपा ने उन्हें नया बंगला देकर उसका प्रतिफल दिया है। हालांकि भाजपा प्रवक्ता शलभमणि त्रिपाठी ने कहा कि शिवपाल बेहद वरिष्ठ विधायक है। सरकार ने वरिष्ठता देखकर ही उन्हें बंगला आवंटित किया होगा। इसमें किसी तरह की राजनीति नहीं है।