लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पंचायती चुनावों की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पंचायती राज विभाग को 31 मार्च तक पंचायती चुनाव कराने का निर्देश दिया है जिसके बाद विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। उत्तर प्रदेश के मौजूदा पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल 25 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। उत्तर प्रदेश में 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं और उनकी तैयारियों में किसी तरह की देरी न हो इसके लिए पंचायतों के चुनाव जल्द से जल्द कराने की तैयारी हो रही है। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद पंचायती राज विभाग में हलचल तेज हो गई है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले हफ्ते पंचायती राज विभाग के शीर्ष अधिकारियों साथ बैठक में कहा था कि तैयारियां इस तरह की जाएं कि 31 मार्च तक पंचायत चुनाव संपन्न करा लिए जाएं। बैठक में कोरोना महामारी, किसान आंदोलन और यूपी बोर्ड परीक्षा को ध्यान में रखते हुए पंचायत चुनाव कराने पर विचार हुआ। बैठक में मुख्य सचिव के साथ ही पंचायतीराज, नगर विकास और गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव और मुख्य निर्वाचन आयुक्त भी मौजूद थे।
2015 के दौरान उत्तर प्रदेश के 74 जिलों में 4 चरणों में पंचायत चु्नाव हुए थे, उस समय पहले चरण में 15646, दूसरे चरण में 14432, तीसरे चरण में 15115 और चौथे चरण में 13716 पंचायतों में चुनाव संपन्न किए गए थे, उस समय नवंबर में ही पंचायत चु्नाव शुरू हो गए थे और दिसंबर में समाप्त हो गए थे लेकिन इस बार कोरोना महामारी की वजह से पंचायत चुनावों में देरी है और 2022 में विधानसभा चुनाव भी होने हैं ऐसे में सरकार जल्द से जल्द पंचायत चुनाव कराने की तैयारी में हैं।
2015 में 58 हजार से ज्यादा पंचायतों के 4.76 लाख से ज्यादा पंचायत प्रतिनिधियों और 7.42 लाख से ज्यादा वार्ड प्रतिनधियों के चु्नाव हुए थे और 11 करोड़ से ज्यादा मतदाता था। लेकिन इस बार मतदाता पहले के मुकाबले बढ़े हैं और साथ में कई पंचायतों में भी बदलाव हुए हैं।
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