लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं माध्यमिक तथा उच्च शिक्षा मंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि प्रदेश सरकार के माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षा व्यवस्था में बड़े बदलाव की नीयत और अभिवावकों को राहत देने लिए उप्र वित्त पोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क का विनियमन) विधेयक का मसौदा सार्वजनिक किया। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि अभी इस प्रस्ताव पर आपत्तियां मांगी गई हैं, उसके बाद ही इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री सचिवालय के मीडिया सेंटर में उपमुख्यमंत्री शर्मा ने बताया कि इस विधेयक का प्रस्तावित स्वरूप तैयार है, अब इस पर आपत्तियां एवं सुझाव आमंत्रित किए जा रहे हैं। इसके बाद इस विधेयक को कानूनी जामा पहनाने की अग्रेतर कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। डॉक्टर शर्मा ने कहा कि गुणवत्तापरक शिक्षा के साथ अभिवावकों का संरक्षण हो सके तथा सुप्रीम कोर्ट द्वारा शुल्क के मामले पर दिए गए निर्देशों का अनुपालन भी सुनिश्चित रह सके, इन सभी बातों को दृष्टिगत रखते हुए यह प्रस्तावित विधेयक तैयार किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इस विधेयक को तैयार करने से पहले देश के विभिन्न राज्यों में लागू शुल्क विनियमन विधेयकों का अध्ययन किया गया, शिक्षाविदों की राय ली गई, विधान परिषद में शिक्षक दल के सदस्यों की भी राय को शामिल किया गया, अभिवावकों एवं विद्यालय संचालकों की भी राय ली गई, तब यह प्रस्तावित विधेयक तैयार कर सामने लाया गया है।
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