उत्तर प्रदेश में 'कोरोना विस्फोट', करीब 13 हजार केस मिले, लखनऊ में बिगड़े हालात
राज्य के भीतर लखनऊ में सबसे ज्यादा कोरोना वायरस के मामले मिल रहे हैं। शनिवार को लखनऊ में सबसे ज्यादा 4059 पॉजिटिव केस मिले हैं।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण ने रफ्तार पकड़ ली है। शनिवार को राज्य में कोरोना वायरस के करीब 13 हजार नए केस मिले हैं। राज्य स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, उत्तर प्रदेश में कोरोना के 12787 नए पॉजिटिव केस मिले हैं जबकि इस दौरान 2207 मरीज कोरोना वायरस को मात देकर ठीक हो गए, इन्हें अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई है।
विभाग ने बताया कि राज्य में अभी तक कुल 676739 केस मिले हैं, जिनमें से कुल 58801 एक्टिव केस हैं। राज्य में कुल 608853 लोग कोरोना वायरस को हराकर ठीक हो गए हैं, जिन्हें डिस्चार्ज किया जा चुका है। विभाग ने बताया कि राज्य में 48 मरीजों की मौत हुई है, जिसके साथ ही कुल मरने वालों की संख्या 9085 हो गई है।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा खतरा राज्य की राजधानी लखनऊ में है। राज्य के भीतर लखनऊ में सबसे ज्यादा कोरोना वायरस के मामले मिल रहे हैं। शनिवार को लखनऊ में सबसे ज्यादा 4059 पॉजिटिव केस मिले हैं। यहां अभी तक कुल 102963 मिल चुके हैं, जिनमें से 84972 ठीक हो गए और 1301 की मौत हो चुकी है।
राज्य सरकार की ओर से शनिवार को जारी बयान के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजधानी लखनऊ में संक्रमण के मामलों में उछाल को देखते हुए पुलिस आयुक्त, लखनऊ को निर्देश दिया है कि धर्म स्थलों में पांच से अधिक लोगों को एक साथ प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाए। बाजारों में व्यापारियों से संवाद बनाकर उनका सहयोग लेते हुए सुरक्षित दूरी का पालन कराया जाए।
प्रदेश में 14 अप्रैल से नवरात्र जबकि 13 अप्रैल से रमजान का महीना शुरू होने की उम्मीद है। इन पर्वों को देखते हुए मुख्यमंत्री के इस फैसले को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य, अमित मोहन प्रसाद ने शनिवार को पत्रकारों को बताया कि प्रदेश में पिछले 24 घंटे में 12,787 नये मामले सामने आने के साथ संक्रमितों की संख्या बढ़कर 6,76,739 हो गई है।
उन्होंने बताया कि महामारी से और 48 लोगों की मौत के बाद कुल मृतक संख्या बढ़ कर 9,085 पहुंच गई। प्रसाद के मुताबिक राज्य में पिछले 24 घंटे में 2,207 मरीजों को उपचार के बाद अस्पतालों से घर भेज दिया गया और अब तक कुल 6,08,853 संक्रमितों को उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है।
उन्होंने बताया कि इस समय राज्य में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 58,801 है, जिनमें 32,900 संक्रमित पृथक-वास में तथा 991 निजी अस्पतालों में अपना उपचार करा रहे हैं। शेष मरीजों का सरकारी अस्पतालों में उपचार चल रहा है। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को राज्य में सर्वाधिक दो लाख 12 हजार से ज्यादा नमूनों की जांच की गई और अब तक तीन करोड़ 65 लाख से ज्यादा नमूनों की जांच की जा चुकी है।
स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार, लखनऊ में पिछले 24 घंटे में 4,059 नये मामले सामने आये और 23 मरीजों की मौत हो गई। इसी अवधि में प्रयागराज में 1,460, वाराणसी में 983, कानपुर नगर में 706 और गोरखपुर में 422 नये मामले सामने आए। बुलेटिन के अनुसार कानपुर नगर में छह, प्रयागराज, वाराणसी, कुशीनगर और मुजफ्फरनगर में दो-दो संक्रमितों की मौत हो गई।
मुख्यमंत्री ने लखनऊ में कोविड-19 के उपचार के लिए एल-2 एवं एल-3 के पर्याप्त बेड की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि तत्काल कम से कम दो हजार आईसीयू बेड की व्यवस्था की जाए और इसके बाद अगले एक सप्ताह में दो हजार अतिरिक्त कोविड बेड का प्रबंध किया जाए।
उन्होंने लखनऊ के जिलाधिकारी को जिले के सभी कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया। उच्च स्तरीय बैठक में लखनऊ में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एरा मेडिकल कॉलेज, टीएस मिश्रा मेडिकल कॉलेज तथा इंटीग्रल मेडिकल कॉलेज को पूर्ण रूप से कोविड अस्पताल के रूप में परिवर्तित किया जाए।
बलरामपुर अस्पताल में 300 बेड का कोविड अस्पताल कल 11 अप्रैल को सुबह से ही शुरू किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि लखनऊ में संक्रमण की रोकथाम के लिए समग्र और प्रभावी ढंग से प्रयास करने की जरूरत है।