लखनऊ: मक्का से उमरा कर लौटे एक जत्थे में शामिल 37 लोगों ने जो किया, वह चौंका देने वाला है। हाथों पर लगा क्वारंटाइन स्टैंप पहले खास परफ्यूम से मिटाया और फिर चकमा देकर पहुंच गए अपने घर। मामला पीलीभीत का है। मामले का खुलासा तब हुआ जब जत्थे में शामिल एक महिला की तबीयत खराब हो गई। बाद में पता चला कि महिला तो कोरोना पॉजिटिव है। अब महिला का बेटा भी कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। पीलीभीत में अमरिया एक तहसील है। यहां के करीब आधे दर्जन गांवों से 37 लोग कुछ दिनों पहले उमरा करने गए थे। 25 लोग तो सिर्फ एक ही गांव हरार्पुर के थे। मक्का से मुंबई होते हुए बीते 19 मार्च को सभी घर वापस लौटे थे। मुंबई एयरपोर्ट पर सभी के हाथों पर क्वारंटाइन की मुहर लगा दी गई थी। मगर, साथ लाए विदेशी परफ्यूम से उन्होंने स्टैंप को इस कदर मिटा दिया कि किसी को पता न चले।
मुंबई से लखनऊ फ्लाइट पकड़ने पर फिर से जांच-पड़ताल में उलझने का डर था तो जत्थे में शामिल लोगों ने ट्रेन से आना उचित समझा। ट्रेन से लखनऊ पहुंचने के बाद सभी बस से पीलीभीत के गांवों में अपने घर लौटे। लौटने वाले दिन ही जत्थे में शामिल हरार्पुर की महिला की हालत बिगड़ गई तो उसे जिला अस्पताल ले जाया गया।
विदेश से आने के कारण चिकित्सकों को कोरोना का शक हुआ तो नमूना केजीएमयू लखनऊ भेजा गया। 22 मार्च को आई जांच रिपोर्ट से पता चला कि महिला को कोरोना है। महिला के परिवार के अन्य सदस्यों का भी टेस्ट हुआ। बाद में पता चला कि बेटे को भी कोरोना हुआ है। बेटा भी मां के साथ उमरा करने मक्का गया था।
जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पूछताछ में पता चला कि जत्थे में शामिल लोगों ने हाथों पर लगे क्वारंटाइन का स्टैंप मिटा दिया था। ताकि लोगों को उनके संदिग्ध होने का पता न चले। महिला की तबीयत बिगड़ने के बाद खुलासा हुआ कि सभी कोरोना के संदिग्ध हैं। इसके बाद जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मक्का से लौटे सभी लोगों को पीलीभीत में बने क्वारंटाइन सेंटर पहुंचा दिया गया।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि क्वारंटाइन स्टैंप मिटाने की इससे पहले भी कई शिकायतें सामने आ चुकी हैं। ऐसे में गृह मंत्रालय चुनाव आयोग की उस स्याही के जरिए अब क्वारंटाइन स्टैंप लगाने की कोशिश कर रहा है, जिससे कि कोई लाख कोशिशों के बाद भी मिटा न सके।
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