लखनऊ: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद से मोहब्बत की निशानी ताज महल को लेकर शुरू हुआ सियासी विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा विवाद ताज महोत्सव को लेकर है। योगी सरकार पर ताज महोत्सव का भगवाकरण का आरोप लग रहा है। दुनिया के सात अजूबों में से एक ताजमहल दुनिया भर में अपनी शानदार कलाकृति के लिए मशहूर है लेकिन देश के अंदर मोहब्बत की ये निशानी अब सियासत का अखाड़ा बन गया है।
ताजमहल को लेकर नया विवाद यहां हर साल होने वाले ताज महोत्सव को लेकर है। योगी राज में पहली बार हो रहे ताज महोत्सव की थीम बदल दी गई है। मुगलिया संस्कृति पर आधारित ताज महोत्सव में पहली बार भगवान राम पर आधारित नृत्य-नाटिका होगी जिसमें भगवान श्रीराम के स्वरूप मुक्ताकाशी मंच पर दिखेंगे जिसे लेकर विवाद शुरू हो गया है। विपक्ष योगी सरकार पर ताज महोत्सव के भगवाकरण का आरोप लगा रहे हैं।
विपक्ष ने ताज महोत्सव में भगवान राम पर नृत्य नाटिका के आयोजन पर सवाल खड़े किए तो भाजपा नेता विनय कटियार दो कदम आगे बढ़ते हुए कह दिया कि ये ताज नहीं तेज महोत्सव है। आगरा में ताज महोत्सव का आयोजन करने वाले यूपी टूरिजम डिपार्टमेंट के मुताबिक शहर के लोगों से ताज महोत्सव पर राय मांगी गई थी। कमिटी को महोत्सव के सब्जेक्ट पर 185 सुझाव मिले जिसमें से 'धरोहर' थीम को चुना गया। इसी थीम पर इस कार्यक्रम की ब्रैंडिंग की जा रही है।
यहां जो भी सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे, वे इसी थीम पर आधारित होंगे। आगरा में ताज महोत्सव 18 फरवरी से 27 फरवरी को होना है। इसकी तैयारियां भी जोर-शोर से चल रही हैं। इस कार्यक्रम के लिए सीएम योगी और राज्यपाल राम नाईक को निमंत्रण भेजा गया है लेकिन उससे पहले इस पर शुरू हुए सियासत ने इसका रंग फिका कर दिया है।
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