लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधान परिषद में समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने कानून-व्यवस्था, बाढ़ और कोरोना वायरस संकट को लेकर सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही 20 मिनट के लिये स्थगित कर दी गयी। पूर्वाह्न 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सपा सदस्यों ने राज्य की कानून-व्यवस्था, बाढ़ के कारण उत्पन्न हालात और कोरोना वायरस महामारी से निपटने के सरकार के तरीकों पर सवाल उठाते हुए प्रश्नकाल स्थगित कर पहले इन विषयों पर चर्चा कराने की मांग की।
सपा सदस्य नरेश उत्तम पटेल ने कहा, ‘‘पूरे प्रदेश में हाहाकार मचा है। प्रदेश में लोग कोरोना वायरस, बाढ़ और लाठी—गोली से मर रहे हैं। पूरे प्रदेश में अफरातफरी मची है, मगर सरकार हालात को लेकर गम्भीर नहीं है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार पूरी तरह संवेदनहीनता बरत रही है और राज्य में किसी का जीवन सुरक्षित नहीं है। मंत्रियों, विधायकों, अधिकारियों और जनता की कोरोना वायरस से मौत हो रही है। सदन में पहले इन्हीं मुद्दों पर चर्चा करायी जाए। सपा सदस्य राजपाल कश्यप और राजू यादव ने भी सभापति से यही अनुरोध किया।
इसी दौरान सपा के सदस्य हाथों में तख्ती लेकर सदन के बीचोंबीच आ गये और नारेबाजी करने लगे। बसपा सदस्य भी अपने—अपने स्थान पर तख्ती लेकर खड़े हो गये।
सभापति रमेश यादव ने आसन के समीप आये सदस्यों से अपने—अपने स्थान पर जाने का आग्रह किया और कहा कि प्रश्नकाल के बाद वे सदन में ये मुद्दे उठा सकते हैं। बार—बार आग्रह के बावजूद हंगामा थमते न देख सभापति ने सदन की कार्यवाही 20 मिनट के लिये स्थगित कर दी।
वहीं कोरोना महामारी के बीच बुलाए गए सत्र की कार्यवाही से पहले तमाम तरह की व्यवस्थाएं की गईं हैं। सभी विधायकों और कर्मचारियों का कोरोना टेस्ट हुआ। साथ ही सैनिटाइजेशन और थर्मल स्कैनिंग के भी इंतजाम किए गए हैं।
बुधवार को कराए गए कोविड-19 टेस्ट में दो विधायक और 1 एमएलसी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इससे पहले विधानसभा के 20 कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। कोरोना पॉजिटिव पाए जाने वालों में सुरक्षाकर्मी भी शामिल हैं।
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