नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में भूख से मौत का एक और मामला सामने आया है। नया मामला प्रदेश के बरेली जिले के भमोरा का है जहां 42 साल के एक शख्स की मौत हो गई है। परिवार वालों का कहना है कि मौत भूख की वजह से हुई है। इस पूरे मामले के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया है। लेखपाल की रिपोर्ट में कहा गया है कि शख्स के घर में अन्न का एक दाना भी नहीं था। मृतक का नाम नेमचंद्र है और वो अपनी मां के साथ रहता था।
नेमंचद्र की 90 साल की मां कहती है कि तीन दिन से उनके घर में खाना नहीं पका था। जो राशन मिला था, वो बेचकर बेटे की दवाई खरीदी थी। उसके बाद घर में कुछ नहीं बचा था। ये खबर जब फैली तो अफसरों की हवाईयां उड़ गई। लेखपाल घर के अंदर गई और जब बाहर निकली तो उन्होंने बताया कि नेमचंद्र की मौत भूख से ही हुई है। मामला बढ़ा तो सूबे के मंत्री तक पहुंच गया। हालांकि यूपी सरकार के वित्त मंत्री का कहना है कि मौत बीमारी से हुई है भूख से नहीं।
चूल्हा बुझा पड़ा है। पतीलियां खाली हैं। नेमंचद्र की मौत के बाद लोग तुलसी और गंगाजल लेकर आ रहे हैं लेकिन मां चाहती थी कि मौत के पहले बेटे के लिए रोटी और चावल कोई ले आता तो बेटे को जिंदगी मिल जाती। गोद में तड़प-तड़प कर उसे मौत नहीं मिलती।
बता दें कि पिछले वर्ष के नवंबर माह में ही बरेली में भी एक ऐसा मामला सामने आया था, जिसमें आरोप था कि एक महिला की भूख की वजह से मौत हो गई। मृतक महिला के पति के मुताबिक, भुखमरी ने उनकी पत्नी की जान ली। इस मामले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में खामी का एक और पहलू भी उजागर हुआ। बताया गया कि मृतका के पति राशन दुकानदार के पास अनाज के लिए पहुंचे थे लेकिन राशन डीलर ने उन्हें अनाज देने से मना कर दिया। पति के मुताबिक राशन डीलर ने बायोमेट्रिक निशान के लिए महिला की मौजूदगी की मांग की।
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