यूपी के परिवहन मंत्री का अनोखा सुझाव : खाने के बाद वज्रासन करें बस ड्राइवर, नहीं आएगी झपकी
उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने बुधवार को एक अनोखा समाधान बताया कि खाना खाने के बाद बस चालकों को 'वज्रासन' करना चाहिए, ताकि बस चलाते समय उन्हें झपकी न आये।
लखनऊ: यमुना एक्सप्रेस-वे पर अकसर हो रही दुर्घटनाओं के बीच उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने बुधवार को एक अनोखा समाधान बताया कि खाना खाने के बाद बस चालकों को 'वज्रासन' करना चाहिए, ताकि बस चलाते समय उन्हें झपकी न आये। सिंह ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यमुना एक्सप्रेस-वे पर सोमवार को दुर्घटनाग्रस्त हुई बस के चालक को झपकी आ गयी थी । बस गहरे नाले में गिर गयी थी और बस में सवार 29 यात्रियों की इस हादसे में मौत हो गयी । उन्होंने कहा कि दुर्घटनाओं से बचने के लिए बस चालकों को भोजन के बाद 20 मिनट वज्रासन करना चाहिए ।
दुर्घटना के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर राहत और बचाव कार्यों का जायजा लेने आगरा गये सिंह ने कहा कि जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है, जिसमें कहा गया है कि चालक को झपकी आने की वजह से दुर्घटना हुई । मुख्यमंत्री ने जांच समिति का गठन सोमवार को किया था । समिति से 24 घंटे में रिपोर्ट सौंपने को कहा गया था ।
मंत्री ने कहा, ''कल मैं एक वीडियो देख रहा था । उस वीडियो में निर्देशित था कि कोई भी व्यक्ति अगर भर-पेट भोजन करने के बाद चलता है तो उसे 30 मिनट का ब्रेक लेकर चलना चाहिए, यानी जहां भोजन करें, वहीं झपकी लें, नहीं तो 20 मिनट वज्रासन में बैठकर फिर प्रस्थान करें । कोई भी हो, निजी वाहन चालक या सार्वजनिक बस चालक ... सभी चालकों को कहा गया है कि भोजन करने के बाद कम से कम आधे घंटे का ब्रेक लें ।''
जब सवाल किया गया कि गाजीपुर रूट पर चलने वाली बस को दिल्ली रूट पर क्यों भेजा गया था और वह भी तब, जब चालक ने कहा था कि उसकी नींद पूरी नहीं हुई है तो मंत्री ने कहा कि कभी-कभार आपात स्थिति में बस भेजनी पड़ती है । उन्होंने कहा कि गाजीपुर के लिए कोई यात्री नहीं था लेकिन दिल्ली और आगरा के लिए काफी संख्या में यात्री थे । यात्री चाहते थे कि बस को जल्द से जल्द रवाना किया जाए । सिंह ने कहा कि चालक भी इसके लिए तैयार था । चालक का रिकॉर्ड अच्छा था । पूर्व में उससे केवल एक दुर्घटना हुई थी । उसके पास आठ से नौ साल का अनुभव था ।
उन्होंने कहा कि जो चालक ठीक से प्रशिक्षित नहीं हैं, उन्हें प्रशिक्षण के लिए कानपुर भेजना चाहिए । जिनका स्वास्थ्य परीक्षण नहीं हुआ है, उनका स्वास्थ्य परीक्षण तत्काल कराया जाना चाहिए । इसके अलावा जन जागरूकता भी होनी चाहिए । क्षेत्रीय प्रबंधकों को इसका अनुपालन सुनिश्चित करना चाहिए ।
सिंह ने बताया कि दुर्घटनाएं रोकने के लिहाज से कुछ सुझाव मिले हैं, जिनमें क्रैश बैरियर लगाना, रंबल स्ट्रिप की संख्या बढ़ाना, लंबी दूरी की बसों पर दो चालकों की तैनाती शामिल है । उन्होंने कहा कि विभाग के अधिकारी यमुना एक्सप्रेस-वे पर सुरक्षा चौकसी बढ़ाएंगे । सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ एक्सप्रेस-वे पर तेज रफ्तार विशेषकर तड़के और रात में तेज रफ्तार के खतरों को लेकर पूर्व में आगाह कर चुके हैं ।
यमुना एक्सप्रेसवे पर सोमवार तड़के हुई बस दुर्घटना में 29 यात्रियों की जान चली गयी और 18 अन्य घायल हो गये । एतमादपुर में बस पुल की रेलिंग तोड़ती हुई नाले में जा गिरी थी । बस लखनऊ से दिल्ली जा रही थी और उसमें लगभग 50 यात्री सवार थे ।