लखनऊ: कोविड-19 महामारी के कारण लागू लॉकडाउन के बाद उत्तर प्रदेश में कक्षा एक से पांच तक के स्कूल बुधवार को पहली बार खोले गए। प्रदेश में कक्षा नौ से 12 तक के स्कूल पिछली 16 अगस्त से जबकि कक्षा छह से आठ तक के स्कूल पिछली 24 अगस्त से खोले जा चुके हैं। कक्षा 1 से 5 तक के स्कूल पिछले साल कोविड-19 महामारी शुरू होने के कारण मार्च 2020 में बंद किए गए थे। उसके बाद से आज इन्हें कोविड-19 प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करते हुए पहली बार खोला गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्कूल खुलने पर बच्चों को बधाई देते हुए बुधवार को एक ट्वीट में कहा कि कोरोना महामारी के कारण लंबे समय से बंद विद्यालयों को आज एक सितंबर से पुनः खोला जा रहा है, सभी बच्चों को ढेर सारी शुभकामनाएं।
योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा, "सभी गुरुजनों से विनम्र आग्रह है कि सभी बच्चों का ध्यान रखें। हर हाल में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित कराने में अपना योगदान दें।" हालांकि स्कूल खुले जरूर, लेकिन उनमें बच्चों की उपस्थिति काफी कम रही। विद्यार्थियों के स्वागत के लिए कुछ स्कूलों ने परिसर में दाखिल होने वाले गेट पर सजावट की और बच्चों को टॉफी इत्यादि वितरित की बच्चों को प्रवेश देने से पहले उनके हाथों को सैनिटाइज भी किया गया।
लखनऊ स्थित प्रतिष्ठित ला मार्टिनियर गर्ल्स कॉलेज की प्रधानाचार्य आश्रिता दास ने बताया कि उनके कॉलेज को अभी नहीं खोला गया है। सेंट फ्रांसिस कॉलेज की प्रधानाचार्य ए. मोरस ने कहा कि अभी उनका कॉलेज नहीं खोला जाएगा और स्कूल प्रबंधन अभी कुछ दिनों तक स्थितियों को देखने के बाद स्कूल खोलने पर विचार करेगा। हालांकि कैथोलिक डायसिस लखनऊ के चांसलर और प्रवक्ता डोनाल्ड डिसूजा ने कहा कि कैथेड्रल सीनियर सेकेंडरी स्कूल को खोला गया है।
एक निजी स्कूल में कक्षा तीन के छात्र हर्ष ने कहा कि उसे स्कूल खुलने की बहुत खुशी है और लंबे समय बाद अब वह अपने दोस्तों से मिल सकेगा। हालांकि हर्ष की मां मेघा कोविड-19 संक्रमण की आशंका को लेकर चिंतित नजर आईं। उन्होंने कहा कि अगर संक्रमण के मामले बढ़े तो वह अपने बच्चे को स्कूल नहीं जाने देंगी। स्कूल दो पालियों में खोले गए हैं, पहली पाली सुबह आठ बजे से जबकि दूसरी पाली पूर्वान्ह साढ़े 11 बजे से शुरू की गई। कक्षा में 50% बच्चों को ही आने की इजाजत दी गई है।
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