लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सभी स्कूल 16 अगस्त (सोमवार) से कोविड-19 प्रोटोकॉल के साथ खोले जाएंगे। उत्तर प्रदेश सरकार ने कोविड-19 महामारी के कारण लंबे समय से बंद स्कूलों (माध्यमिक और इंटरमीडिएट) को 16 अगस्त से आधी क्षमता के साथ खोलने और उच्च शिक्षण संस्थानों को 1 सितंबर से खोलने की तैयारी किये जाने के निर्देश दिए हैं।
यूपी में 16 अगस्त से कोविड-19 प्रोटोकॉल के साथ स्कूल सप्ताह में केवल 5 दिन खुलेंगे। शनिवार को स्कूल नहीं खोले जाएंगे। स्कूल जिस दिन खुलेंगे उस दिन प्रदेशभर के स्कूलों के निरीक्षण के लिए 60 अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने आदेश जारी कर दिया है। 16 अगस्त से कक्षा 9 से 12 तक के स्कूल खोले जा रहे हैं।
मास्क पहनना अनिवार्य
छात्रों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ-साथ मास्क पहनना अनिवार्य किया जाएगा। यूपी में छात्रों को स्कूल आने के लिए उनके अभिभावकों की लिखित सहमति जरूर देनी होगी। बिना सहमति पत्र स्कूल में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। यूपी के अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल के मुताबिक ''16 अगस्त से कोविड-19 के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए आधी क्षमता के साथ पठन-पाठन प्रारम्भ होगा।'' बता दें कि, माध्यमिक और इंटरमीडिएट के परिणाम घोषित हो चुके हैं। उच्च शिक्षण संस्थानों में पठन-पाठन प्रत्येक दशा में 1 सितंबर से प्रारम्भ करने की तैयारी की जाएगी।
इन बातों पर रहेगी नजर
- दो पालियों में सुबह 8 से 12 और 12.30 से 4.30 बजे तक चलेंगे स्कूल, छुट्टी एक साथ न की जाए।
- एक पाली में 50 फीसदी बच्चे, सैनिटाइजर, थर्मल स्कैनिंग, पल्स ऑक्सीमीटर, प्राथमिक उपचार की व्यवस्था।
- संक्रमण के किसी भी लक्षण की दशा में विद्यार्थियों या अध्यापकों को वापस घर भेज दिया जाए।
अधिकारियों को दी गई ये जिम्मेदारी
विशेष सचिव शम्भु कुमार, नेहा प्रकाश, उदय भानु त्रिपाठी को बाराबंकी, फतेहपुर, मिर्जापुर की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसी तरह शिक्षा निदेशक विनय पाण्डेय को लखनऊ, अपर निदेशक मंजू शर्मा को सीतापुर, महेन्द्र देव को मेरठ, अंजना गोयल को प्रतापगढ़, यूपी बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ला को प्रयागराज, जेडी बरेली अजय कुमार को बदायूं व शाजहांपुर, जेडी वाराणसी प्रदी कुमार को चंदौली व जौनपुर, डीडी विकास श्रीवास्तव को वाराणसी की जिम्मेदारी दी गई है। डायट प्राचार्य व उप प्राचार्य, सहायक निदेशक, वरिष्ठ विशेषज्ञ समेत 60 अधिकारियों को निरीक्षण करना होगा। सभी को अलग-अलग ब्लॉक या नगर या ग्रामीण क्षेत्र के कम से कम एक और न्यूनतम 10 स्कूलों की व्यवस्था का निरीक्षण करना होगा। निरीक्षण की रिपोर्ट शाम तक निदेशालय भेजनी होगी। जिन स्कूलों में कमियां पाई जाएंगी उनका निराकरण शिक्षा निदेशक व सचिव यूपी बोर्ड द्वारा दूर करवाई जाएगी।
Latest Uttar Pradesh News