आगरा: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ड्यूटी पर तैनात उप-निरीक्षक की मृत्यु पर गंभीर संवेदना व्यक्त करते हुए शहीद प्रशांत यादव के नाम पर बनने वाली सड़क के लिए 50 लाख रुपये और उनके आश्रित को नौकरी दिलाने की घोषणा की है। उत्तर प्रदेश के खजौली थानान्तर्गत आने वाले नहरगांव में अपनी टीम के साथ विवाद सुलझाने गए यादव को उपद्रवियों ने गोली मार दी।
यादव के गर्दन में बुधवार शाम को गोली लगी। घटना के वक्त दो पुलिस कॉन्स्टेबल उनके साथ थे। घटना को अंजाम देने के बाद हमलावर वहां से फरार हो गए। आईजी सतीश गणेश ने कहा है कि वहां दो भाइयों के बीच फसल संबंधी विवाद था और इसे सुलझाने के लिए पुलिस की टीम वहां पहुंची हुई थी। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं और आगे की जांच जारी है।
अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि आगरा के थाना खंदौली पुलिस को गांव नहर्रा में विश्वनाथ और उसके भाई शिवनाथ के बीच आलू के बंटवारे को लेकर विवाद होने की सूचना मिली। उन्होंने बताया कि शिवनाथ ने पुलिस को सूचना दी थी और इस सूचना पर उप-निरीक्षक प्रशांत, सिपाही चंद्रसेन के साथ शाम को गांव पहुंचे। उन्होंने बताया कि वहां पता चला कि विश्वनाथ गांव वालों को भी तमंचे से धमका रहा था और रोकने पर उसने दरोगा प्रशांत पर गोली चला दी।
उन्होंने बताया कि गोली गले में लगने से दरोगा लहूलुहान होकर वहीं गिर पड़े। दरोगा प्रशांत की अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही मौत हो गई। वह बुलंदशहर के रहने वाले थे। प्रशांत की उम्र करीब 35 से 40 साल के बीच थी और वह 2015 बैच के उप निरीक्षक थे।
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