कानपुर: कानपुर के बिकरू गांव में पिछले हफ्ते आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का मुख्य आरोपी पांच लाख रुपये का इनामी बदमाश विकास दुबे शुक्रवार सुबह कानपुर के भौती इलाके में राज्य पुलिस की एसटीएफ से हुई कथित मुठभेड़ में मारा गया। एसटीएफ ने इस मुठभेड़ को लेकर एक बयान जारी किया है। इस रिपोर्ट में हम आपको आगे एसटीएफ के बयान की 10 अहम बातें बताने जा रहे हैं, पढ़िए-
विकास दुबे Encounter केस में पुलिस की 10 अहम बातें - एसटीएफ ने एक बयान में कहा कि दुबे को एसटीएफ के उपाधीक्षक तेज बहादुर सिंह के नेतृत्व में सरकारी वाहन से मध्य प्रदेश के उज्जैन से लाया जा रहा था।
- यात्रा के दौरान कानपुर के सचेंडी थाना क्षेत्र में कन्हैयालाल अस्पताल के सामने अचानक गाय भैंसों का एक झुंड सड़क पर आ गया।
- लंबी यात्रा से थके चालक ने हादसा टालने के लिए वाहन को अचानक मोड़ा जिससे वह अनियंत्रित होकर पलट गया।
- बयान के मुताबिक इस घटना में वाहन में बैठे पुलिस अधिकारी और कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हो गए।
- क्षणिक रूप से बेहोशी में चले जाने की वजह से उनके साथ बैठा अपराधी विकास दुबे हालात का फायदा उठाते हुए घायल इंस्पेक्टर रमाकांत पचौरी की सरकारी पिस्टल निकालकर भागने लगा।
- एसटीएफ के उपाधीक्षक तेज बहादुर सिंह और उनके साथियों ने दुबे का पीछा किया तो उसने पुलिस से छीनी गई पिस्तौल से गोलियां चलाई।
- दुबे को जिंदा पकड़ने की पूरी कोशिश की गई लेकिन वह पुलिस पर गोलियां चलाता रहा।
- बयान में कहा गया कि एसटीएफ द्वारा आत्मरक्षा में चलाई गई गोली से दुबे घायल हो गया।
- विकास दुबे को सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
- बयान के मुताबिक दुबे द्वारा की गई फायरिंग में एसटीएफ के मुख्य आरक्षी शिवेंद्र सिंह सेंगर और कांस्टेबल विमल यादव घायल हो गए हैं। उनका इलाज चल रहा है।
(इनपुट- भाषा)
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