रामपुर। समाजवादी पार्टी सांसद और उत्तर प्रदेश सरकार में पूर्व मंत्री आजम खान को एक बार फिर से झटका लगा है। उत्तर प्रदेश सरकार ने आजम खान के निजी जौहर ट्रस्ट से दलित किसानों 104 बीघा जमीन वापस ले ली है। आरोप है कि उत्तर प्रदेश में पूर्व की सपा सरकार में अफसरों की मेहरबानी से नियमों को ताक पर रखकर जमीन की रजिस्ट्री जौहर विश्वविद्यालय के नाम कर दी गई थी। अब इस 104 बीघा जमीन पर स्थानीय प्रशासन ने अपना कब्जा लेना शुरू कर दिया है।
रेवेन्यू काउंसिल ने पूर्व आयुक्त के आदेश को निरस्त करते हुए राज्य सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया है और फैसले के अनुसार जौहर ट्रस्ट की ओर से बनवाए गए जौहर विश्वविद्यालय के कब्जे से दलितों की 104 बीघा जमीन वापस की जाएगी। इस मामले में उच्च न्यायालय से भी आजम खान को राहत नहीं मिली है।
करीब 2 साल पहले मार्च, 2018 में उस समय के रामपुर जिलाधिकारी ने आजम खान के खिलाफ रेवेन्यू काउंसिल प्रयागराज में मुकद्दमा दायर किया था। आजम खान पर आरोप था कि उन्होंने दलितों की लगभग 104 बीघा जमीन कलेक्टर की अनुमति के बगैर ही विश्वविद्यालय के नाम दर्ज करवाई है। जिलाधिकारी ने यह कार्रवाई भाजपा लघु उद्योग प्रकोष्ठ के क्षेत्रीय संयोजक आकाश कुमार सक्सेना द्वारा मुख्यमंत्री से की गई शिकायत की जांच के बाद की थी।
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