लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावी परिदृश्य में शाहरुख खान की फिल्म ओम शांति ओम का संवाद पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त खासा मायनेखेज हो चला है। अपनी-अपनी प्रचंड जीत का दावा कर रहे सियासी दलों में त्रिशंकु विधानसभा का डर भी है लेकिन दिल में कामयाबी का विश्वास लिये उनके नेता सफलता का उल्लास मनाने के लिये मुट्ठियां भींचे बैठे हैं। प्रदेश के चुनावी घमासान का नतीजा 11 मार्च को आना है। सियासी दावों से इतर राजनीतिक विश्लेषक किसी लहर से अछूते इस चुनाव में किसी को भी बहुमत ना मिलने की आशंका से इनकार नहीं कर रहे हैं।
प्रदेश में जहां भाजपा, बसपा और सपा-कांग्रेस गठबंधन के नेता 403 सदस्यीय विधानसभा में 300 से ज्यादा सीटें जीतने का दावा कर रहे हैं, लेकिन चुनाव के आखिरी चरणों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक टिप्पणी ने त्रिशंकु विधानसभा की आशंका को हवा दे दी। मोदी ने गत 27 फरवरी को मऊ में आयोजित चुनावी रैली में सपा और बसपा पर प्रदेश में त्रिशंकु विधानसभा बनाने की कोशिश का आरोप लगाते हुए कहा कि ये दोनों दल नहीं चाहते कि प्रदेश में किसी को बहुमत मिले, ताकि इन दोनों को सौदेबाजी करने का मौका मिल जाए।
सपा अध्यक्ष मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस पर कहा था कि 300 सीटें जीतने का दावा करने वाले मोदी अब त्रिशंकु विधानसभा की बात कर रहे हैं। इसका मतलब है कि उन्होंने हार मान ली है। प्रदेश में वर्ष 2007 से पहले साल 1991 में चली राम लहर के बीच हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 211 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत की सरकार बनायी थी। उसके बाद करीब 16 साल तक प्रदेश में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला और गठजोड़ की ही सरकारें गठित हुई।
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