गाजीपुर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कानपुर में हाल में रेल पटरी काटने की घटना में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ होने की रिपोर्ट को झूठी करार देते हुए कहा कि भाजपा के लोग समझाकर नहीं, बल्कि बहकाकर वोट लेते हैं। मुख्यमंत्री ने यहां एक चुनावी सभा में लखनऊ मेट्रो को रेल मंत्रालय का अनापत्ति प्रमाणपत्र नहीं दिये जाने के जिक्र के साथ कहा ये जो हमारे रेल मंत्री हैं, वह कानपुर वाली पटरी नहीं सुधार पाये और प्रधानमंत्री को झूठी रिपोर्ट दे दी कि आईएसआई वालों ने पटरी तोड़ दी है। हम तो यह जानना चाहते हैं कि उत्तर प्रदेश में हुआ यह पटरी वाला मामला कम से कम हमें तो बता देते, लेकिन कोई जानकारी नहीं, कोई सच्चाई नहीं।
सपा अध्यक्ष ने कहा आपने अखबार में पढ़ा होगा कि यही रेल मंत्री जब रेल हादसे के घायलों से मिलने गये थे तो वहां 500 के पुराने नोट दे आये थे। ये कैसे रेल मंत्री हैं, इन्हें पता ही नहीं कि नोट असली है या नकली। भाजपा के नेता समझाकर नहीं बल्कि बहकाकर वोट लेते हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले साल 20 नवम्बर को कानपुर के पुखरायां के पास इंदौर-पटना एक्सप्रेस के कई डिब्बे पटरी से उतर गये थे। इस हादसे में 120 से ज्यादा लोग मारे गये थे। उसके कुछ दिन बाद 28 दिसम्बर को कानपुर से कुछ ही दूरी पर एक और रेलगाड़ी पटरी से उतरी थी। इन दोनों ही घटनाओं के लिये रेल पटरी के चटकने का संदेह जाहिर किया गया था।
इस मामले में तीन लोगों की संदेह के आधार पर गिरफ्तारी के बाद यह दावा किया गया था कि इसमें पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ था। प्रदेश विधानसभा चुनाव के आखिरी दो चरणों के दौरान चुनावी लड़ाई में केन्द्र सरकार के तमाम मंत्रियों को प्रचार मैदान में उतारे जाने की तरफ इशारा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा प्रधानमंत्री जी ने अगर अपना काम किया होता तो इन मंत्रियों को लाने की जरूरत ही नहीं पड़ती।
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