बांदा: उत्तर प्रदेश में बांदा जिले के नरैनी कस्बे में बालू भरे ट्रकों से अवैध वसूली करते पकड़े गए चार आरोपियों के साथ गिरफ्तार हुए नरैनी के विधायक के चचेरे भाई को पुलिस ने मंगलवार को जेल भेज दिया। पुलिस की इस कार्रवाई से भाजपा कार्यकर्ताओं की त्योरियां चढ़ी हुई हैं। पुलिस अधीक्षक (SP) शालिनी ने सोमवार-मंगलवार की रात करीब दो बजे नरैनी कस्बे की करतल रोड की खनिज चेकपोस्ट पर बालू भरे ट्रकों से अवैध वसूली करते हुए चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया था, जिन्हें पुलिस ने जबरन धन वसूली की धारा-386 आईपीसी के तहत मामला दर्ज कर जेल भेज दिए जाने पर यहां के भाजपा कार्यकर्ताओं की त्योरियां चढ़ गई हैं, क्योंकि जेल जाने वालों में एक श्रीविशाल नरैनी के विधायक राजकरन कबीर का सगा चचेरा भाई है।
पुलिस अधीक्षक (SP) शालिनी ने देर शाम बताया, "भाजपा के कुछ जिलास्तरीय पदाधिकारी अपनी बात कहने जरूर आए थे, लेकिन जो सही है, वह कार्रवाई की गई है। अपराधी बड़ा है या छोटा, इससे पुलिस का कुछ लेना-देना नहीं है।" SP की इस कार्रवाई से स्थानीय भाजपा नेताओं में आक्रोश है। विधायक के छोटे भाई बाबू ने मंगलवार को कहा, "पुलिस ने विधायक को नीचा दिखाने के लिए उनके चचेरे भाई को जेल भेजा है। भाई अभी लखनऊ में हैं, उनसे दो टूक बात होगी। उनके कहने से ही श्रीविशाल वहां गया था।"
ताज्जुब की बात तो यह है कि विधायक राजकरन कबीर ने श्रीविशाल को अपना चचेरा भाई मानने से ही इनकार कर दिया और मंगलवार की देर शाम फिर दोहराया कि "जेल गए सभी पार्टी कार्यकर्ता हैं।" कुल मिलाकर यह सांप-छछूंदर जैसा मामला बन गया है। सत्तापक्ष से जुड़े लोग इसे अपनी प्रतिष्ठा पर आंच मानकर चल रहे हैं और पुलिस कानूनी कार्रवाई। अब देखना है कि कानून जीतता है या सत्तापक्ष की हनक।
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