कोरोना से जारी जंग में CM योगी ने स्वास्थ्य विभाग के सुपुर्द किया अपना सरकारी प्लेन
उत्तर प्रदेश में करोना से जारी जंग में जरूरी स्वास्थ्य उपकरणों को मंगाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपना सरकारी स्टेट प्लेन स्वास्थ्य विभाग के सुपुर्द कर दिया है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में करोना से जारी जंग में जरूरी स्वास्थ्य उपकरणों को मंगाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपना सरकारी स्टेट प्लेन स्वास्थ्य विभाग के सुपुर्द कर दिया है। अगले 9 जून को ट्रूनेट मशीनों की एक खेप लेने मुख्यमंत्री का सरकारी जहाज गोवा जाएगा। ये मशीनें कोरोना जांच के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण हैं और मुख्यमंत्री ने फौरन ये मशीनें उत्तर प्रदेश में लाने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में समय की बचत के लिए और तेजी से स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के लिए मुख्यमंत्री का सरकारी जहाज स्वास्थ्य विभाग के काम आ रहा है।
प्रदेश में ऐसा पहली बार हो रहा है कि किसी सरकार के कार्यकाल में स्वास्थ्य उपकरणों को लाने के लिए स्टेट प्लेन की मदद ली जा रही है। लेकिन योगी सरकार के कार्यकाल में यह पहली बार नहीं हो रहा है। इससे पहले वह दो बार मेडिकल इक्विपमेंट मंगाने के लिए वह अपना सरकारी जहाज बैंगलोर और गोवा भेज चुके हैं।
पहले भी गोवा भेज चुके हैं सरकारी जहाज
ट्रूनेट मशीनों की महत्ता को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी इससे पहले 1 जून 2020 को स्टेट प्लेन गोवा भेज चुके हैं, जहां से 21 मशीनें प्रदेश में आई थीं। ये मशीनें इमरजेंसी ऑपरेशन में काफी सहायक साबित हो रही हैं। इनके जरिए एक से डेढ़ घंटे में कोरोना की जांच होकर रिपोर्ट आ जाती है। सीएम की मंशा प्रदेश के सभी जनपदों को एक-एक ट्रूनेट मशीनें देने की है, जिससे प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं को और सुदृढ़ किया जा सके।
अप्रैल में भेजा था बैंगलोर
प्रदेश में कोरोना जांच का दायरा बढ़े इसके लिए मुख्यमंत्री लगातार प्रयास कर रहे हैं। वह टीम-11 की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को इस दिशा में कार्य करने के निर्देश भी देते रहते हैं। लाकडाउन के कारण जब ट्रेनें चलना बंद हो गई थी। उस समय देश के दूसरे राज्य से कोरोना की जांच किट प्रदेश में लाना एक बड़ी समस्या बन गया था। तब मुख्यमंत्री ने 7 अप्रैल 2020 को अपना सरकार जहाज बैंगलोर भेजा था और वहां से 150 ए स्टार फॉर्टिट्यूड किट-2.0 मंगवाया था।
तेजी से बढ़ रहा जांच का दायरा
यूपी में कोरोना की जांच में तेजी आए इसके लिए मुख्यमंत्री योगी हर संभव प्रयास कर रहे हैं। प्रदेश में अब तक तीन लाख लोगों की जांच हो चुकी है। राज्य में क्रियाशील 31 प्रयोगशालाओं में प्रतिदिन 10 हजार सैम्पल की जांच की जा रही है। मुख्यमंत्री की मंशा इसको और बढ़ाने की है। उन्होंने अधिकारियों के समक्ष 15 जून तक प्रतिदिन 15 हजार और 30 जून तक प्रतिदिन 20 हजार टेस्ट का लक्ष्य रखा है।
कोरोना मरीजों के लिए एक लाख से ज्यादा बेड
कोरोना मरीजों के इलाज के लिए सीएम योगी ने प्रदेश में एल-1, एल-2 और एल-3 के 503 कोविड अस्पताल बनवाए हैं, जिसमें 1 लाख 1 हजार 236 बेड उपलब्ध हैं। जिसमें एल-1 के 403 अस्पतालों में 72934 बेड, एल– 2 के 75 अस्पतालों में 16212 बेड और एल– 3 के 25 अस्पतालों में 12090 बेड मौजूद हैं। इसके अलावा केवल कोरोना मरीजों के लिए 2000 से ज्यादा वेंटिलेटरों की व्यवस्था भी इन अस्पतालों में है।
4 करोड़ से ज्यादा लोगों की हो चुकी है मेडिकल स्क्रिनिंग
प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा मेडिकल स्क्रीनिंग हो, इस दिशा में सीएम योगी रोजाना टीम-11 की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं। इस काम में स्वास्थ्य महकमे की एक लाख मेडिकल टीमें दिन-रात लगी हुई हैं। जिसका नतीजा है कि अब तक 4 करोड़ 85 हजार 700 से ज्यादा लोगों की मेडिकल स्क्रिनिंग की जा चुकी है। इस दौरान जांच टीमें 78 लाख 86 हजार 400 से अधिक घरों तक पहुंची हैं। इसके अलावा मेडिकल टीमों की मदद के लिए आशा बहुओं को भी लगाया गया है।
क्वारंटीन सेंटर में 15 लाख से ज्यादा लोगों की रोकने की व्यवस्था
प्रदेश सरकार ने दूसरे राज्यों से अब तक यूपी में पहुंचे 30 लाख से अधिक प्रवासी कामगार व श्रमिक के लिए क्वारंटीन सेंटर की व्यवस्था भी की है। 15 लाख की क्षमता के इन क्वारंटीन सेंटर में लोगों को गुणवत्ता परक भोजन दिया जा रहा है। इसके साथ ही इन सेंटरों में रोके गए सभी श्रमिक व कामगार की मेडिकल स्क्रिनिंग व जांच कराई गई है। मेडिकल स्क्रिनिंग में स्वस्थ मिले कामगारों एवं श्रमिकों को राशन पैकेट और 1 हजार रुपये की सहायता राशि देकर उन्हें होम क्वारंटीन में भेजा जा रहा है। इसके अलावा जो अस्वस्थ मिले उन्हें अस्पतालों में भर्ती कराया गया।
निगारानी समितियों का गठन
कोरोना संदिग्ध की सूचना देने, उनकी जांच कराने व उन पर नजर रखने के लिए मुख्यमंत्री योगी ने हर ग्राम पंचायतों और वार्ड निगरानी समितियों का भी गठन कर रखा है। ये समितियां किसी भी प्रवासी के आने व किसी के संक्रमित होने की जानकारी देती हैं। इसके अलावा मेडिकल स्क्रिनिंग में सरकार की मदद ये समतियां कर रही हैं।