नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद् द्वारा आज हाई स्कुल और इंटरमीडिएट यानि 10वीं और 12वीं परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिए गए हैं। रिजल्ट को लेकर स्टूडेंट तथा माता-पिता दोनों में दबाव की स्थिति देखने को मिलती है। घरवालों की चिंता इस बात को लेकर होती है कि इस बार उनके बच्चों का परिणाम कैसा होगा। हर बार की तरह इस बार भी कुछ छात्रों को बहुत अच्छे नंबर मिलेंगे तो कुछ छात्रों का रिजल्ट निराशाजनक हो सकता है। ये भी पढ़ें: UP Board Result 2017: सरकार के साथ बनती-बिगड़ती रही है छात्रों का प्रदर्शन, इस साल आया सबसे खराब रिजल्ट
इन स्थितियों में माता-पिता द्वारा बच्चो को समझाना चाहिए कि रिजल्ट खराब होने का मतलब जिंदगी बर्बाद होना नहीं होता। आज हर परिजन अपने बच्चे से बहुत ज्यादा अपेक्षाएं लगा लेते है, यदि कोई बच्चा उनकी उम्मीदों को पूरा नहीं कर पाता तो बच्चों पर गुस्सा करने के बजाय उन्हे प्यार से समझाना चाहिए। अभिभावक अपने बच्चे को सबसे अच्छे स्कूल में पढ़ाते हैं, अधिक पैसे खर्च करते है इसलिए वह चाहते हैं कि उनका बच्चा परीक्षाओं में सबसे अच्छा करें।
यही कारण है कि पैरेंट्स अपने बच्चों पर सबसे अच्छा करने का दबाव बनाते हैं। परन्तु उन पर अच्छे अंक लाने का दबाव देने के बजाए उनसे उनके भविष्य के विकल्पों के बारे में बात करनी चाहिए। इसके बावजूद अगर बच्चा तनाव में दिखे या जान देने जैसी बातें करे तो घरवालों को चाहिए कि वह तुरंत मनोवैज्ञानिक (साइकोलॉजिस्ट) की सलाह लें। बच्चे को आगे बेहतर करने को तैयार करें। माता पिता बच्चों को पूरा समय दें ताकि वो अपने आप को अकेला महसूस न करें।
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