लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित कक्षा 10वीं व 12वीं की परीक्षाएं कड़ी सुरक्षा के बीच गुरुवार को शुरू हो गई। नकल को रोकने के लिए कोड नंबर वाली उत्तर पुस्तिकाएं का इस्तेमाल किया जा रहा है। साथ ही परीक्षा के मद्देनजर मजिस्ट्रेट, पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है। इन परीक्षाओं के लिए कुल 58,06,922 छात्रों ने नामांकन किया है। कुल 8,354 परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा आयोजित की जा रही है।
31,95,603 छात्र कक्षा 10वीं की, जबकि 26,11,319 छात्र कक्षा 12वीं की परीक्षा दे रहे हैं। उत्तर प्रदेश बोर्ड की सचिव नीना श्रीवास्तव ने बताया कि जिला मजिस्ट्रेटों (डीएम), पुलिस प्रमुखों व यहां तक कि विशेष कार्य बल (एसटीएफ) को संगठित अपराधों को लेकर सर्तक रहने को कहा गया है।
इन्हें यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि वार्षिक परीक्षाओं के दौरान छात्रों नकल न कर पाएं या किसी अनुचित साधन का इस्तेमाल न करें। उन्होंने कहा कि पहली बार कोड नंबर वाली उत्तर पुस्तिकाओं का इस्तेमाल हो रहा है, जिसमें हर पेज पर रोल नंबर लिखा है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि कॉपियों में कोई अदला-बदली नहीं हो।
उन्होंने कहा, "हमें हमेशा शिकायत प्राप्त होती है कि कॉपियां बदल दी गईं, लेकिब अब नए नियम से यह संभव नहीं हो सकेगा क्योंकि छात्रों को खुद इस पर रोल नंबर लिखना होगा।" उन्होंने कहा, "किसी भी संभावित परिस्थिति में उत्तर पुस्तिकाओं के बदलने के आरोप पर हैंडराइटिंग की जांच की जाएगी।"
बोर्ड अधिकारियों के अनुसार, 1314 परीक्षा केंद्रों की 'संवेदनशील' व 448 को 'बहुत संवेदनशील' के रूप में पहचान की गई है। इन जगहों पर बड़े स्तर पर नकल के अतीत के रिकॉर्ड को ध्यान में रखकर इसका निर्धारण किया गया है।
मजिस्ट्रेट के तहत सचल दस्तों द्वारा औचक निरीक्षण किया जा रहा है और नकल पर रोक सुनिश्चित की जा रही है। कुल 2.50 लाख निरीक्षक ड्यूटी पर हैं। उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने जमीनी तैयारियों का जायजा लेने के लिए राजधानी के कुछ परीक्षा केंद्रों का भी दौरा किया।
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