लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रघुराज सिंह द्वारा मुस्लिम महिलाओं के बुर्के पर प्रतिबंध लगाने की मांग पर बवाल मचा हुआ है। उनके इस बयान के अगले दिन भारतीय जनता पार्टी (BJP) की प्रदेश इकाई ने भी इसे संज्ञान में लिया है और उनसे पूछा है कि उन्हें पार्टी से क्यों नहीं निकाला जाना चाहिए। पार्टी ने सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए सवाल किया है कि गैरजिम्मेदाराना बयान देने के लिए उनपर अनुशासनहीनता के आरोप क्यों नहीं लगाने चाहिए।
बीजेपी ने अपनाया कड़ा रुख
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि रघुराज प्रताप सिंह का बयान महिला-विरोधी है, चाहे वह किसी भी जाति या धर्म की हो। उन्होंने कहा कि यह अनुशासनहीनता और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘महिला का सम्मान पार्टी की सर्वोच्च प्राथमिकता है। पार्टी अपने नियमों और सिद्धांतों को तोड़ने की अनुमति नहीं दे सकती।’ सिंह ने आगरा के शाहजमाल क्षेत्र में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) विरोधी प्रदर्शन में महिला के संदर्भ में कहा था कि 'आतंकवादी अपनी पहचान छिपाने के लिए बुर्के का उपयोग कर रहे हैं।'
क्या कहा था रघुराज ने
उन्होंने कहा था कि बुर्का पहनने का चलन अरब देशों में शुरू हुआ और यह भारतीय परिधान नहीं है और भारत में इस पर प्रतिबंध लगना चाहिए। उन्होंने कहा कि श्रीलंका में पिछले साल कई बम धमाके होने के बाद वहां बुर्का पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। उन्होंने कहा, ‘लक्ष्मण द्वारा नाक काटे जाने के बाद सूर्पनखा ने अपना चेहरा छिपाने के लिए बुर्का पहना था। सिर्फ सूर्पनखा के वंशज ही बुर्का पहनते हैं।’
पहले भी दिए हैं विवादित बयान
यह पहली बार नहीं है जब रघुराज प्रताप सिंह के बयान के कारण पार्टी को शर्मनाक स्थिति का सामना करना पड़ा है। इससे पहले उन्होंने कहा था कि ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ नारेबाजी करने वाले लोगों को जिंदा जला दिया जाना चाहिए।’ उन्होंने यह भी कहा था कि ‘राष्ट्रविरोधी तत्व कुत्ते की मौत मरेंगे।’ (IANS)
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