धर्मांतरण प्रकरण में यूपी एटीएस ने 3 और लोगों को गिरफ्तार किया, हुए कई बड़े खुलासे
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई तथा विदेशी संस्थाओं के इशारे पर लोगों का धर्म परिवर्तन कर उनमें कट्टरता की भावना भरकर सौहार्द बिगाड़ने के आरोप में उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने सोमवार को तीन और लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
लखनऊ। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई तथा विदेशी संस्थाओं के इशारे पर लोगों का धर्म परिवर्तन कर उनमें कट्टरता की भावना भरकर सौहार्द बिगाड़ने के आरोप में उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने सोमवार को तीन और लोगों को गिरफ्तार कर लिया। एटीएस ने यहां एक बयान में कहा कि गत 20 जून को काजी जहांगीर और उमर गौतम नामक व्यक्तियों को आईएसआई तथा विदेशी संस्थाओं के निर्देश और उनसे प्राप्त होने वाले धन के जरिए लोगों का धर्म परिवर्तन कराकर देश में सौहार्द बिगाड़ने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इन लोगों से पूछताछ में इरफान शेख, मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नान तथा राहुल भोला नामक व्यक्तियों के नाम सामने आए थे।
उत्तर प्रदेश के ADG (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि अवैध धर्म परिवर्तन मामले में गिरोह से जुड़े तीन और आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। यूपी ATS ने गिरफ्तारी की है, उमर गौतम और जहांगीर से रिमांड के दौरान हुई पूछताछ के बाद गिरफ्तारी की गई है। राहुल भोला, मन्नू यादव, इरफान को गिरफ्तार किया गया है। बयान के मुताबिक, इन लोगों से विस्तृत पूछताछ की गई, जिसके बाद सोमवार को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इन लोगों के कब्जे से धर्मांतरण से संबंधित दस्तावेज, विभिन्न बैंकों की चेक बुक और पासबुक, आधार कार्ड, पैन कार्ड, लैपटॉप तथा मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं।
एटीएस के मुताबिक इरफान एक दुभाषिया है जो दिल्ली में बाल कल्याण मंत्रालय में काम करता है। इस वजह से मूक-बधिर लोगों के बीच उसकी अच्छी पैठ है। एटीएस का दावा है कि इरफान मूक बधिरों को इस्लाम का ज्ञान देता था और दूसरे धर्मों की बुराइयां करता था। आतंकवाद रोधी दस्ते के अनुसार, इरफान तरह-तरह के प्रलोभन देकर लोगों को इस्लाम धर्म अपनाने के लिए कहता था। वह उसके बाद उमर गौतम के साथ मिलकर जहांगीर आलम से इस्लामिक दावा सेंटर में धर्मांतरण प्रमाण पत्र बनवाता था। बयान के अनुसार राहुल भोला भी मूक-बधिर है और वह इरफान के साथ मिलकर मूक-बधिरों को धर्मांतरण की तरफ प्रेरित करता था और उसी ने मन्नू यादव का धर्म परिवर्तन कराया था। मन्नू यादव भी मूक बधिर है और उसने आदित्य गुप्ता का धर्मांतरण कराया था।
प्रशांत कुमार ने बताया कि प्रकाश में आया है कि अभियुक्त उमर गौतम के द्वारा अपनी तथा अपने परिवार के व्यक्तिगत बैंक खातों का प्रयोग विदेशों से धन लेने के लिए किया गया है। यह फॉरेन करेंसी रेगुलेशन एक्ट 2010 के प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन है। अभियुक्त उमर गौतम द्वारा फातिमा चैरिटेबल ट्रस्ट के खातों में आए धन को व्यक्तिगत रूप से उपयोग करने हेतु अपने परिवार के बैंक खातों में स्थानांतरित किया गया है। उसके द्वारा इस ट्रस्ट का आज तक न तो कोई ऑडिट कराया गया है न ही कोई इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल किया गया है। ATS के द्वारा उमर गौतम के इस्लामिक दावा सेंटर में धर्मांतरित हुए व्यक्तियों का भी सत्यापन कराया जा रहा है। इसके लिए 32 ज़िलों जिनमें प्रयागराज, बुलंदशहर, बिजनौर, कानपुर, मेरठ, मथुरा भी शामिल हैं। इनके पुलिस अधीक्षकों को पत्र भेजकर कार्रवाई की जा रही है। जो तथ्य प्राप्त होंगे उसमें पुलिस कस्टडी रिमांड के दौरान आगे की पूछताछ की जाएगी। इसके अतिरिक्त लखनऊ, गाजियाबाद, अलीगढ़, सहारनपुर, नोएडा, वाराणसी, आजमगढ़ और आगरा में ATS के द्वारा स्वयं भी सत्यापन किया जा रहा है।
उमर गौतम और जहांगीर आलम से पूछताछ में हुआ ये बड़ा खुलासा
उमर गौतम के इस्लामिक दावा सेंटर में धर्मांतरण करने वालो का सत्यापन ATS कर रही है। इसके लिए प्रदेश के 27 जनपदों जिसमें प्रयागराज, बुलन्दशहर, बिजनौर, कानपुर, मेरठ, मथुरा शामिल है। वहां के एसपी, एसएसपी को आगे की कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया है। इसके अलावा लखनऊ, अलीगढ़, सहारनपुर, नोएडा, गाज़ियाबाद, वाराणसी, आज़मगढ़, आगरा में यूपी एटीएस वैरीफेक्शन कर रही है। उमर गौतम और उसके परिवार के बैंक एकाउंट्स में विदेशों से पैसा आया है जो फॉरेन करेंसी रेगुलेशन एक्ट का उल्लंघन है। उमर गौतम ने फातिमा चेरिटेबिल ट्रस्ट के खातों में आए पैसे का इस्तेमाल किया है। कोई ऑडिट नहीं कराया है। इनकम टैक्स रिटर्न भी दाखिल नहीं किया गया है। जनवरी 2010 से 14 जून 2021 तक इस्लामिक दावा सेंटर के खाते में कुल एक करोड़ 82 लाख से ज़्यादा आये है। कैश डिपॉज़िट और कैश निकाला गया है। हवाला नेटवर्क से जुड़ा होना सामने आया है। इस खाते में 50 लाख से ज़्यादा विदेशों से आया है। ज़्यादा पैसा रियाद,कतर, दुबई और आबूधाबी से आया है। इस्लामिक दावा सेंटर कनाडा नागरिक बिलाल फिलिप की इस्लामिक ऑनलाइन यूनिवर्सिटी जो दोहा कतर में है। बिलाल फिलिप को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित है। बिलाल फिलिप को आतंकवादी गतिविधियां बढ़ाने के लिए 2014 में फिलिपींस मे गिरफ्तार भी किया जा चुका है। उमर गौतम 2002 से 2010 तक आसाम की NGO मरकज़ उल मारिफ आए भी जुड़कर काम किया है। 2020 में इस संस्था के खिलाफ असम में कई जिलों में फेरा,फेमा,फॉरेन करेंसी वायलेषन और टेरर फंडिंग के मामले में मुकदमे दर्ज है। असम के दिसपुर और हुजाई थेन में दर्ज है। इस संस्था के लोगों से उमर के सम्बंध, इस संस्था के खातों से भी उमर के खातों में पैसा आया है।